बिहार टॉपर स्कैम के आरोपी बच्चा राय को हाईकोर्ट से जमानत मिली है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की अपील पर बिहार में टॉपर घोटाला के मुख्य आरोपी बच्चा राय की रिहाई पर अंतरिम रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने बच्चा राय को नोटिस जारी किया है. बिहार सरकार ने राय की जमानत को चुनौती दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.
याचिका में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पटना हाईकोर्ट से बच्चा राय को मिली जमानत को रद्द करने की मांग की है. इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने बच्चा राय को जमानत दे दी थी. बच्चा राय को बिहार टॉपर घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है. बिहार सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि जमानत देने में हाईकोर्ट ने किसी ग्राउंड का जिक्र नहीं किया है.
बिहार सरकार ने कोर्ट में कहा कि बच्चा राय ने बिहार के एजुकेशन सिस्टम को सवालों के घेरे में खड़ा किया. बच्चा राय के जेल से बाहर रहने पर ट्रायल प्रभावित होगा. इसलिए उनकी जमानत को रद्द किया जाए. बता दें कि 14 फरवरी को बच्चा राय को पटना हाइकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है. पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि 30 दिनों के भीतर चार्जफ्रेम किया जाए और अगर 30 दिन में चार्जफ्रेम नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में बच्चा राय को जमानत दे दी जाएगी.
कोर्ट ने सरकार को एक महीने के अंदर बच्चा राय के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने का निर्देश दिया है. आरोपपत्र दायर होने के बाद ही उसकी जेल से रिहाई होगी.
याचिका में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पटना हाईकोर्ट से बच्चा राय को मिली जमानत को रद्द करने की मांग की है. इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने बच्चा राय को जमानत दे दी थी. बच्चा राय को बिहार टॉपर घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है. बिहार सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि जमानत देने में हाईकोर्ट ने किसी ग्राउंड का जिक्र नहीं किया है.
बिहार सरकार ने कोर्ट में कहा कि बच्चा राय ने बिहार के एजुकेशन सिस्टम को सवालों के घेरे में खड़ा किया. बच्चा राय के जेल से बाहर रहने पर ट्रायल प्रभावित होगा. इसलिए उनकी जमानत को रद्द किया जाए. बता दें कि 14 फरवरी को बच्चा राय को पटना हाइकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है. पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि 30 दिनों के भीतर चार्जफ्रेम किया जाए और अगर 30 दिन में चार्जफ्रेम नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में बच्चा राय को जमानत दे दी जाएगी.
कोर्ट ने सरकार को एक महीने के अंदर बच्चा राय के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने का निर्देश दिया है. आरोपपत्र दायर होने के बाद ही उसकी जेल से रिहाई होगी.
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