जनता की नजर में तो गिर गई है खट्टर सरकार, अविश्वास प्रस्ताव में भले न गिरी हो : भूपेंद्र सिंह हुड्डा

बता दें कि हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को गिरा दिया. मत विभाजन के बाद प्रस्ताव गिर गया.

जनता की नजर में तो गिर गई है खट्टर सरकार, अविश्वास प्रस्ताव में भले न गिरी हो : भूपेंद्र सिंह हुड्डा

हुड्डा ने साधा मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना

हरियाणा (Haryana) के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को भले ही हरा दिया हो, लेकिन वह ‘‘लोगों की नजर में गिर गई है.” हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को गिरा दिया. मत विभाजन के बाद प्रस्ताव गिर गया.

हुड्डा ने पत्रकारों से कहा, “ जननायक जनता पार्टी (जजपा) और (सात में से पांच) निर्दलीय विधायक, जो सरकार के सहयोगी हैं, उनके पास किसानों के लिए वोट करने और जन प्रतिनिधि होने की जिम्मेदारियों को पूर्ण करने का मौका था.” उन्होंने कहा कि सदन में कांग्रेस की भले ही सीमित संख्या हो, लेकिन “हम सदन में किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहे और अपनी जिम्मेदारी निभाई.”

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विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “ हमने उस सरकार के खिलाफ वोट दिया है, जिसने किसानों पर लाठीचार्ज कराया, आंसू गैस छुड़वाई, कड़ाके की सर्दी में उनपर पानी की बौछारे करवाईं और उन्हें झूठे मामलों में फंसाया.”उन्होंने कहा, “ सरकार ने भले ही अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया हो लेकिन वह लोगों की नजरों में गिर गई है.” कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ विधानसभा में 55 वोट पड़े जबकि समर्थन में 32 मत पड़े.

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गौरतलब है कि हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार ने विधानसभा में बुधवार को आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को आसानी से पराजित कर राज्य सरकार ने विश्वासमत जीत लिया. मतों के विभाजन के बाद यह प्रस्ताव गिर गया। प्रस्ताव पर छह घंटे तक चली मैराथन चर्चा के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सदन में घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 और पक्ष में 32 मत पड़े. पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के नेता बी एस हुड्डा ने अध्यक्ष से अनुरोध किया था कि अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की अनुमति दी जाए.अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट डालने वाले 55 सदस्यों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 39, उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) के 10, पांच निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी से गोपाल कांडा शामिल हैं.



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