
West Bengal Assembly Elections:पार्टी सहयोगी और फिलहाल असंतुष्ट खेमे से संबद्ध आनंद शर्मा (Anand Sharma) की ओर से की गई आलोचना से बौखलाए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने 'पलटवार' किया है. शर्मा की ओर से सोमवार को किए गए ट्वीट के जवाब में चौधरी ने 'नो योर फैक्ट्स, आनंद शर्मा (Know Your Facts, Anand Sharma)' के हैडिंग से सिलसिलेवार ट्वीट किए. गौरतलब है कि आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल चुनाव में कांग्रेस की रणनीति पर सवालिया निशान लगाया है. शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा था कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ 'जंग' में कांग्रेस 'सिलेक्टिव' नहीं हो सकती. पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी की वाम दलों और आईएसएफ (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) के साथ रैली के विजुअल्स के संदर्भ में यह बात कही. शर्मा के ट्वीट का जवाब देने में अधीर रंजन चौधरी ने देर नहीं लगाई.
उन्होंने जवाबी ट्वीट में लिखा, 'वे कांग्रेस के चुनिंदा असंतुष्टों के समूह से आग्रह करेंगे कि अपने कम्फर्ट स्पॉट से बाहर निकलें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करना बंद करें.' उन्होंने शर्मा के सामने गुलाम नबी आजाद के पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान का जिक्र किया. गौरतलब है कि आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के उस असंतुष्ट ग्रुप के सदस्य है जिसे G-23 का नाम दिया गया है. परोक्ष रूप से गांधी परिवार को टारगेट करते हुए पार्टी में पूर्वकालिक नेतृत्व की मांग करने संबंधी लेटर लिखने के बाद ये यह ग्रुप लगातार अपनी बात मुखरता से उठाता आ रहा है.
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— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) March 1, 2021
Know ur facts @AnandSharmaINC : -
2. @INCIndia has got its full share of seats. Left Front is allocating seats from its share to the newly formed Indian Secular Front-ISF. Ur choice to call the decision of CPM led front ‘communal' is only serving the polarising agenda of BJP
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— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) March 1, 2021
Know ur facts @AnandSharmaINC -
4. Would urge a select group of distinguished Congressmen to rise above always seeking personal comfort spots & stop wasting time singing praises of PM.
They owe a duty to strengthen the Party & not undermine the tree that nurtured them.
चौधरी ने यह भी कहा कि कांग्रेस बंगाल में माकपा नीत उस लेफ्ट फ्रंट की सहयोगी है जो बीजेपी को हराने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है. उन्होंने कहा कि इस फ्रंट के निर्णय को सांप्रदायिक करार देना बीजेपी के 'हाथों में खेलने' जैसा ही होगा. गौरतलब है कि आनंद शर्मा ने हिंदी में अपने ट्वीट में लिखा था, 'सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक (सिलेक्टिव) नहीं हो सकती. हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है.पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था, ' ISF और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है. इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी.'
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