बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की

बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)।

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट से फैसले पर फिर से विचार करने की मांग
  • सुनवाई पांच जजों की बेंच करे जिसमें चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर न हों
  • बीसीसीआई के लिए संसद में कोई कानून नहीं बनाया जा सकता
नई दिल्ली:

लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बीसीसीआई ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को यह फैसला सुनाया था.

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर फिर से विचार करे और इसके लिए पांच जजों की बेंच बनाई जाए. बेंच में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर न हों. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कई मायनों में सही नहीं है. जस्टिस लोढ़ा पैनल न तो खेल के लिए विशेषज्ञ है और न ही उनकी सिफारिशें सही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पैनल का गठन कर एक तरह से अपने फैसले की आउटसोर्सिंग की है. कहा गया है कि बीसीसीआई के लिए संसद में कोई कानून नहीं बनाया जा सकता. चीफ जस्टिस ने इस मामले में अपना मन बना रखा है और वे बिना सुनवाई इस याचिका को खारिज कर सकते हैं. याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में करने की मांग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई के फैसले के मुताबिक बीसीसीआई को लोढ़ा पैनल की सिफारिशें 6 महीने में लागू करनी हैं. फैसले के मुताबिक अब बोर्ड में न तो मंत्री और न ही अधिकारी शामिल हो पाएंगे. राजनेताओं पर पाबंदी नहीं है. बीसीसीआई में अब एक व्यक्ति-एक पद का नियम लागू होगा. बीसीसीआई में अधिकारियों की अधिकतम उम्र सीमा 70 साल होगी.


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