विज्ञापन
This Article is From Feb 18, 2020

पैन, बैंक-भूमि से जुड़े दस्तावेजों से नहीं साबित होती है नागरिकता: गुवाहटी हाई कोर्ट

सरकार का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को तब तक डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा जब तक उसके सारे कानूनी विकल्प समाप्त नहीं हो जाते हैं।  

पैन, बैंक-भूमि से जुड़े दस्तावेजों से नहीं साबित होती है नागरिकता: गुवाहटी हाई कोर्ट
अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए असम में एनआरसी (FILE)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अदालत ने कहा कि वोटर कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है
जुबैदा बेगम ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी
'न्यायाधिकरण ने अपने सामने रखे गए साक्ष्यों को सही ढंग से समझा'
गुवाहाटी:

बैंक खातों का विवरण, पैन कार्ड और भूमि राजस्व रसीद जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल नागरिकता साबित करने के लिए नहीं किया जा सकता है. गुवाहटी हाई कोर्ट ने विदेशी न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ एक महिला की याचिका खारिज करते हुए यह बात कही. न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) ने महिला को "विदेशी नागरिक" की श्रेणी में रखा था. हालांकि, भूमि और बैंक खातों से जुड़े दस्तावेजों को प्रशासन के स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची में रखा गया है. 

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची जारी होने के बाद कम से कम 19 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं. इन मामलों की समीक्षा के लिए पूरे असम में 100 विदेशी न्यायाधिकरण स्थापित किए गए हैं. न्यायाधिकरण द्वारा खारिज मामलों को उच्च न्यायालय और अगर जरूरत पड़े तो सुप्रीम कोर्ट में उठाया जा सकता है.

सरकार का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को तब तक डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा जब तक उसके सारे कानूनी विकल्प समाप्त नहीं हो जाते हैं. गुवाहटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोजीत भुइयां और न्यायमूर्ति पार्थिव ज्योति सैकिया ने हालिया आदेश में इसी अदालत के 2016 के एक फैसले का उल्लेख किया है.

जुबैदा बेगम उर्फ जुबैदा खातून ने विदेशी न्यायाधिकरण के खुद को विदेशी घोषित करने के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. 

महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे बोले- NRC लागू हुआ तो न केवल हिंदू-मुसलमानों पर पड़ेगा असर, बल्कि...

हाईकोर्ट और न्यायाधिकरण ने कहा कि महिला ने अपने पिता और पति की पहचान घोषित करने के लिए गांव के मुखिया द्वारा जारी किया एक प्रमाण पत्र समेत 14 दस्तावेज विदेशी न्यायाधिकरण को दिए थे. हालांकि, वह खुद को अपने परिवार से जोड़ने का कोई भी दस्तावेज दिखाने में नाकाम रही. 

केंद्रीय गृह अमित शाह तीन निर्णय लें, या फिर इस्तीफा दे दें : दिग्विजय सिंह

उच्च न्यायालय ने कहा, "यह कोर्ट पहले की कह चुकी है कि पैन कार्ड और बैंक खाते नागरिकता का प्रमाण नहीं हैं. भूमि राजस्व भुगतान रसीद किसी व्यक्ति की नागरिकता को साबित नहीं करता है. इसलिए हमने पाया है कि न्यायाधिकरण ने अपने सामने रखे गए साक्ष्यों को सही ढंग से समझा है."

उच्च न्यायालय की इसी पीठ ने एक अन्य मामले में कहा कि वोटर कार्ड (मतदाता पहतान पत्र) नागरिकता का प्रमाण नहीं है.

वीडियो: जामिया पहुंचे अनुराग कश्‍यप, कहा - बिना हिंसा किए लड़ना है

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com