नई दिल्ली:
बैंकों में शुक्रवार को कामकाज प्रभावित हो सकता है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के छह कर्मचारी संगठनों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की शुक्रवार की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है.
सरकार की ‘श्रम विरोधी नीतियों’ के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है. कई बैंकों ने पहले ही अपने ग्राहकों को होने वाली असुविधा के बारे में सूचना दे दी है. ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए), बैंक इंप्लायज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई), ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी) तथा इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) जैसे संगठनों ने नोटिस दिये हैं.
नोटिस में दो सितंबर में एक दिन की हड़ताल में जाने की बात कही गयी है. भारतीय स्टेट बैंक समेत अधिकतर बैंकों का मानना है कि अगर हड़ताल होती है, उनकी सेवा प्रभावित हो सकती है.
एआईबीओसी के महासचिव हरविन्दर सिंह ने कहा, ‘‘बैंक कर्मचारियों के संगठन जन विरोधी बैंकिंग सुधारों, निजीकरण, एसोसिएट बैंकों का एसबीआई के साथ विलय का विरोध कर रहे हैं.’’ एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचालम ने कहा कि सरकार लगातार सुधारों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है जिसका मकसद बैंकों का निजीकरण, बैंकों का विलय आदि है. हालांकि नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) तथा नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स हड़ताल में शामिल नहीं हैं.
एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा, ‘‘भारतीय मजदूर संघ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल में शामिल नहीं है. हम उसमें भाग नहीं ले रहे.’’ इस बीच, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि बैंकों ने कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिये जरूरी कदम उठाये हैं और खुदरा ग्राहकों के लिये नकदी की कोई समस्या नहीं है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सरकार की ‘श्रम विरोधी नीतियों’ के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है. कई बैंकों ने पहले ही अपने ग्राहकों को होने वाली असुविधा के बारे में सूचना दे दी है. ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए), बैंक इंप्लायज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई), ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी) तथा इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) जैसे संगठनों ने नोटिस दिये हैं.
नोटिस में दो सितंबर में एक दिन की हड़ताल में जाने की बात कही गयी है. भारतीय स्टेट बैंक समेत अधिकतर बैंकों का मानना है कि अगर हड़ताल होती है, उनकी सेवा प्रभावित हो सकती है.
एआईबीओसी के महासचिव हरविन्दर सिंह ने कहा, ‘‘बैंक कर्मचारियों के संगठन जन विरोधी बैंकिंग सुधारों, निजीकरण, एसोसिएट बैंकों का एसबीआई के साथ विलय का विरोध कर रहे हैं.’’ एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचालम ने कहा कि सरकार लगातार सुधारों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है जिसका मकसद बैंकों का निजीकरण, बैंकों का विलय आदि है. हालांकि नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) तथा नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स हड़ताल में शामिल नहीं हैं.
एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा, ‘‘भारतीय मजदूर संघ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल में शामिल नहीं है. हम उसमें भाग नहीं ले रहे.’’ इस बीच, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि बैंकों ने कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिये जरूरी कदम उठाये हैं और खुदरा ग्राहकों के लिये नकदी की कोई समस्या नहीं है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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