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This Article is From Sep 20, 2012

भारत बंद का कर्नाटक में व्यापक असर, आईटी कंपनियों में अवकाश

भारत बंद का कर्नाटक में व्यापक असर, आईटी कंपनियों में अवकाश
बेंगलुरु: डीजल के दामों में बढ़ोतरी, सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या सीमित किए जाने व मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में गुरुवार को आयोजित भारत बंद से कर्नाटक में जनजीवन प्रभावित रहा।

कई आईटी कंपनियों ने गुरुवार को अवकाश की घोषणा की। सड़कों पर बसें नहीं दिखीं, ज्यादातर स्कूल-कॉलेज व बाजार बंद रहे। शासकीय कार्यालयों, बैंकों व निजी कम्पनियों में उपस्थिति कम रही। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, इसलिए यहां बंद का अच्छा असर दिखा।

देश के विभिन्न हिस्सों से बेंगलुरु पहुंचे सैकड़ों यात्री वहां तीन रेलवे स्टेशनों पर अटके रहे। वहां कोई बस सेवा उपलब्ध नहीं थी और ऑटो-रिक्शा व टैक्सियां भी कम संख्या में थे। सिनेमाघरों में भी गुरुवार को अवकाश की घोषणा की गई थी। मैसूर, मैंगलोर, हुबली, शिमोगा, दावांगेरे जैसे प्रमुख शैक्षिक व व्यवसायिक शहरों में सामान्य जीवन प्रभावित रहा।

यहां बाजार, स्कूल, कॉलेज बंद रहे और सड़कों पर बसें नहीं चलीं। राज्य सड़क परिवहन निगम के एक प्रवक्ता ने बेंगलुरू में संवाददाताओं को बताया कि बस स्टैंड्स पर यात्री मौजूद नहीं हैं, इसलिए बसें नहीं चल रहीं। उन्होंने कहा, शहर के बीचोबीच स्थित केम्पेगौड़ा सर्किल के नजदीक अंतर व अंतर-राज्यीय बस स्टैंड व मुख्य शहर में मुश्किल से ही कोई यात्री है।

मध्य बेंगलुरु के शांतिनगर, दक्षिण के जयानगर, उत्तर के यशवंतपुर व पश्चिम के विजयनगर के अन्य प्रमुख बस स्टैंड्स पर भी यही स्थिति है। बेंगलुरु व कुछ अन्य शहरों में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दो-पहिया वाहन रैली निकाली।

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