वृंदा राठी बेेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान में दाखिला लेंगी
मुंबई:
शुक्रवार का दिन नासिक के इतिहास में विशेष रहा. आईआईटी में पिछले 58 सालों में महाराष्ट्र से एक भी लड़की ने प्रथम आने का गौरव प्राप्त नहीं किया था जिसे नासिक की वृंदा राठी ने कर दिखाया. शुक्रवार को नागपुर से परीक्षा दे कर अपने गृहनगर लौटी वृंदा का स्वागत ढोल-नागाड़े के साथ हुआ. इंजीनियर बनने के लिए आईआईटी प्रवेश हेतु जेईई मेन्स परीक्षा में वृंदा नंदकुमार राठी ने लड़कियों में देश में अव्वल स्थान हासिल किया है. इस परीक्षा में वृंदा ने 321 अंक हासिल किए और एक इतिहास रच दिया. पूरे देश से 13 लाख परीक्षार्थियों ने इस एग्जाम का सहारा लिया था. वृंदा नासिक रोड के सेंट जेविअर्स हाईस्कूल की छात्रा हैं.
इससे पहले भी पढ़ाकू रही वृंदा ने दसवीं की परीक्षा में 94 फीसद अंक प्राप्त किए थे. पंचवटी महाविद्यालय से वृंदा ने बारहवीं की परीक्षा दी थी. आईआईटी स्पेस एकडमी से वृंदा ने जेईई की पढ़ाई की. वृंदा आईआईटी रिसर्च क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखती हैं. वृंदा के पिता नंदकुमार राठी खुद प्रॉडक्शन इंजीनियर हैं और वो भी एनआईटी सूरत से पदवी प्राप्त हैं. उनका सिन्नर वसाहत में लघु उद्योग है.
वृंदा की मां कृष्णा राठी आर्किटेक्ट हैं. अपनी सफलता का श्रेय वृंदा ने नियमित अभ्यास को दिया है. IIT-JEE में देश में लड़कियों में प्रथम आने वाली वृंदा ने हाल ही में भारत सरकार की केवीपीवाई परीक्षा में भारत में 12वां स्थान हासिल किया है.
इससे पहले भी पढ़ाकू रही वृंदा ने दसवीं की परीक्षा में 94 फीसद अंक प्राप्त किए थे. पंचवटी महाविद्यालय से वृंदा ने बारहवीं की परीक्षा दी थी. आईआईटी स्पेस एकडमी से वृंदा ने जेईई की पढ़ाई की. वृंदा आईआईटी रिसर्च क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखती हैं. वृंदा के पिता नंदकुमार राठी खुद प्रॉडक्शन इंजीनियर हैं और वो भी एनआईटी सूरत से पदवी प्राप्त हैं. उनका सिन्नर वसाहत में लघु उद्योग है.
वृंदा की मां कृष्णा राठी आर्किटेक्ट हैं. अपनी सफलता का श्रेय वृंदा ने नियमित अभ्यास को दिया है. IIT-JEE में देश में लड़कियों में प्रथम आने वाली वृंदा ने हाल ही में भारत सरकार की केवीपीवाई परीक्षा में भारत में 12वां स्थान हासिल किया है.
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