दिल्ली और एनसीआर में डीजल गाड़ियां रहेंगी बैन
नई दिल्ली:
10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां दिल्ली-एनसीआर में नहीं चल पाएंगी. एनजीटी ने केंद्र सरकार की रोक हटाने वाली याचिका को ठुकरा दिया है. गुरुवार को ट्रीब्यूनल ने कहा कि एक पुरानी डीजल गाड़ी से 24 पेट्रोल और 40 सीएनसी कारों के बराबर पॉल्यूशन होता है. यह फैसला उन लोगों के लिए झटका है, जो 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां चला रहे हैं. केंद्र सरकार ने NGT के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. पिछले साल जुलाई के महीने में एक अहम फैसले में नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल यानी NGT ने दिल्ली में 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर बैन के आदेश दिए थे.
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वैसे पेट्रोल व डीजल जैस पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहन बनाने वाली कंपनियों से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दो टूक कह दिया है कि वे वैकल्पिक र्इंधन अपनाएं अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें. भविष्य पेट्रोल व डीजल का नहीं है बल्कि वैकल्पिक ईंधन का है. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण और वाहन आयात पर लगाम लगाने के अपने प्रयासों के तहत वह इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक कैबिनेट नोट तैयार है जिसमें चार्जिंग स्टेशनों पर ध्यान दिया जाएगा.
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि लागातार बढ़ते प्रदूषण में कमी लाने का केवल एकमात्र जरिया है कि सड़क पर से डीज़ल-पेट्रोल वाहनों की तादाद में कमी लाई जाए. सरकार का भी यही मानना है कि देश में डीज़ल या पेट्रोल की कार नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक कार बिकनी चाहिए. वाहनों की परिचालन लागत तथा ईंधन आयात बिल में कमी लाने के उद्देश्य से भारत चाहता है कि 2030 तक उसके यहां सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें ही बिकें.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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