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कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे का शनिवार को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। शनिवार दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर बाला साहब ठाकरे ने अंतिम सांस ली। डॉक्टर के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने से ठाकरे का निधन हुआ।
ठाकरे को सांस की बीमारी के अलावा पैंक्रियास की बीमारी थी। उनके परिवार में पुत्र जयदेव और उद्धव हैं। इनमें उद्धव पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। ठाकरे का अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा और इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को शिवाजी पार्क में दर्शन के लिए रखा जाएगा। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि आम जनता सुबह से शाम पांच बजे तक ठाकरे के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन कर सकती है। बाद में पास में स्थित श्मशान में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ठाकरे के निधन का समाचार सुनते ही बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे अपने परिवार के साथ मातोश्री पहुंच गए। उनके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता और अन्य राजनीतिक नेता भी दिवंगत नेता के आवास पर पहुंचने लगे। ठाकरे के निधन के बाद महानगर में सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत कर दी गई। पुलिस ने मीडिया के लोगों को मातोश्री से थोड़ी दूरी पर रहने को कहा। शिवसेना की ओर से पार्टी नेता संजय राउत ने सभी शिवसैनिकों से शांति बनाए रखने की अपील की।
ठाकरे के निवास मातोश्री के पास सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने संभावित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तमाम मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ठाकरे के निधन पर शोक व्यक्त किया। मनमोहन सिंह ने बीजेपी नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज को रद्द कर दिया।
यह दिलचस्प है कि कांग्रेस के कट्टर विरोधी माने जाने वाले ठाकरे ने 2006 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था और इस वर्ष के राष्ट्रपति चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेसी उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया।
पिछले कुछ दिन से उनकी तबीयत खराब होने के बावजूद शिवसेना के नेता और उनका मुखपत्र 'सामना' लगातार उनकी तबीयत में सुधार की बात कह रहे थे। उनकी मौत की खबर सुनते ही राजनीति, बॉलीवुड और उद्योग जगत की बड़ी हस्तियां उनके आवास पर पहुंच रही हैं। मातोश्री के बाहर खड़े मीडिया प्रतिनिधियों और शिवसेना कार्यकर्ताओं को अपराह्न चार बजे के बाद कुछ सुगबुगाहट महसूस हुई, क्योंकि शिवसेना, बीजेपी और अन्य पार्टियों के कई वरिष्ठ नेता वहां पहुंचने लगे और पुलिस भी पहले से चौकन्नी हो गई।
शिवसेना नेता संजय राउत और दिवाकर राओते अपने साथ डॉक्टर जलील पारकर को लेकर करीब पांच बजे मातोश्री से बाहर आए। डॉक्टर पारकर पिछले तीन वर्ष से बाल ठाकरे का इलाज कर रहे थे। उन्होंने ठाकरे के निधन का ऐलान किया। यह खबर सुनते ही वहां बड़ी संख्या में मौजूद शिवसैनिकों ने 'बाल ठाकरे अमर रहें' का नारा लगाते हुए मातोश्री में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। अपने नेता की मौत की खबर सुनकर बहुत से शिवसैनिक अपने आंसू नहीं रोक पाए।
शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए बीजेपी ने कहा कि 'एक शेर' नहीं रहा। बीजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष और एनडीए के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, एक असाधारण व्यक्ति चला गया। स्वतंत्र भारत के 65 वर्ष में देश पर ऐसी गहरी छाप छोड़ने वाला व्यक्तित्व विरले ही होगा, जैसी छाप बाल ठाकरे ने छोड़ी है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि बाला साहब के निधन की खबर से उन्हें गहरा सदमा हुआ है। एक शेर नहीं रहा। ठाकरे की सेहत में पिछले कुछ दिन से उतार-चढ़ाव आ रहा था। उनके पुत्र उद्धव ने गुरुवार की रात शिवसैनिकों से शांति बनाए रखने और उनके पिता के लिए प्रार्थना करने की अपील की।
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने का आग्रह किया। ठाकरे का इलाज लीलावती अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा था।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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