बदायूं बलात्कार और हत्या मामलों में बुधवार को उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब सीबीआई ने कहा कि बदायूं सामूहिक बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी लाइ डिटेक्टर टेस्ट में पास हो गए हैं।
सीबीआई को केंद्रीय फोरेंसिंक विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट मिली है। इस संस्थान ने आरोपियों के तीन प्रमुख टेस्ट- फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक आकलन, फोरेंसिक बयान विश्लेषण और पालीग्राफ (लाइ-डिटेक्टर) टेस्ट किए थे।
सूत्रों ने कहा कि पांचों आरोपियों के बयान की विश्वसनीयता की परख के लिए यह टेस्ट किया गया।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों के बयान में कोई अंतर नहीं पाया गया।' इसी साल जून में सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद पांचों आरोपियों पप्पू, अवधेश, उर्वेश यादव, तथा कांस्टेबल क्षत्रपाल यादव एवं सर्वेश यादव को अपनी हिरासत में लिया था।
ये आरोपी बलात्कार, हत्या और सबूतों को नष्ट के करने के आरोपों से इंकार करते रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, 'पांचों आरोपियों के बयान में किया गया निर्दोष होने का दावा पॉलीग्रैफिक जांच में सही पाया गया है।'
सीबीआई से जुड़े शीर्षस्थ सूत्रों ने स्पष्ट किया कि दोनों लड़कियों के माता-पिता एवं परिवार के सदस्यों के लाइ-डिटेक्टर टेस्ट की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि इस टेस्ट के नतीजे को शायद अदालत में नहीं स्वीकार नहीं किया जाए, हालांकि इनके आधार पर जांच एजेंसी सबूत एकत्र करने का प्रयास करेगी।
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में इसी साल मई के पहले सप्ताह में एक पेड़ से दो चचेरी बहनों के शव लटके मिले थे। इस मामले को लेकर खासी बहस हुई थी और राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए गए थे।
आरोप है कि पांचों आरोपियों ने इन लड़कियों के साथ बलात्कार किया और फिर उनकी हत्या कर दी।
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