होम लोन, पर्सनल लोन की EMI नहीं चुकाई तो बैड बैंक नहीं करेगा वसूली, अफवाहों से न हों परेशान

सोशल मीडिया पर ये अफवाहें हैं कि बैड बैंक आम आदमी के होम लोन (Home Loan) , पर्सनल लोन (Personal Loan) या वाहन (Auto Loan) पर ऋण की वसूली भी करेगा. इन अफवाहों को आर्थिक विशेषज्ञों ने गलत ठहराया है.

होम लोन, पर्सनल लोन की EMI नहीं चुकाई तो बैड बैंक नहीं करेगा वसूली, अफवाहों से न हों परेशान

Home Loan, Car Loan, Auto Loan के डिफॉल्ट के मामले कोरोना काल में बढ़े हैं

नई दिल्ली:

Loan Recovery : कोरोना काल में नौकरी गंवाने, इलाज में गाढ़ी कमाई खर्च होने और अन्य आर्थिक परेशानियों के चलते लाखों लोग होम लोन, पर्सनल लोन या वाहन पर लिए गए लोन की किस्त नहीं चुका पाए. इस बीच सरकार ने फंसे कर्ज की वसूली के लिए बैड बैंक (Bad Bank) बनाने का ऐलान किया है. यह बैड बैंक भारतीय बैंकों की संकटग्रस्त संपत्तियों को अपने हाथों में लेगा और उस कर्ज की नीलामी या वसूली के जरिये बैंकों को नुकसान से बचाएगा. हालांकि सोशल मीडिया पर ये अफवाह चल रही है कि बैड बैंक आम आदमी के होम लोन (Home Loan) , पर्सनल लोन (Personal Loan) या वाहन (Auto Loan) पर ऋण की वसूली भी करेगा. वसूली न होने पर संपत्तियों को जब्त भी कर सकता है. इन अफवाहों को आर्थिक विशेषज्ञों ने गलत ठहराया है.

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फिनटेक कंपनी महाग्राम के संस्थापक और वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ राम श्रीराम का कहना है कि ऐसा नहीं है कि बैड बैंक की शाखाएं पूरे देश में खोली जाएंगी और ना ही पूरे देश में इसके कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे. नाम भले ही बैंक हो, बल्कि यह एक कंपनी होगी जो बैंकों को उनके बकाये की वसूली में मदद करेगी. ये सामान्य बैंकों की तरह काम नहीं करेंगे. 

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अगर कोई घर, वाहन या पर्सनल लोन नहीं चुका पा रहा है तो उस पर कर्जदार का बैंक ही अपने तरीके से काम करेगा. बैड बैंक ऐसे लोन की वसूली के लिए संपत्ति जब्त करने का काम नहीं करेगी. न ही घर-घर वसूली के लिए जाएगा. एसबीआई (SBI), आईसीआईसीआई (ICICI Bank), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ,एचडीएफसी (HDFC Bank) , एक्सिस (Axis Bank)  देश के बड़े बैंक हैं, जो होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन बांटते हैं. 

होम लोन डिफॉल्ट हुआ तो ऐसा होगा समाधान
सामान्यतया अगर कोई होम लोन नहीं चुका पाता है तो सरफेइसी ऐक्ट 2002 (Sarfaesi Act) के तहत बैंक गारंटी में रखी गई संपत्ति का कब्जा अपने हाथ में ले सकता है और उसकी नीलामी करा सकता है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान बड़ी तादाद में नौकरी जाने, कारोबार डूबने से होम लोन डिफॉल्ट हुए हैं. डिमांड नोटिस भेजे जाने के 60 दिनों तक बैंक को इंतजार करना पड़ता है. अगर इस वक्त में कर्जधारक लोन न चुका पाए तो बैंक कोर्ट जाकर संपत्ति पर नियंत्रण हासिल कर लेता है. 

RBI की लोन रिकवरी के लिए गाइडलाइन... 
1. बैंक लोन रिकवरी एजेंट नियुक्त करने और उनके खिलाफ शिकायत के लिए उत्तरदायी है.
2. लोन रिकवरी एजेंसी के बारे में सबसे पहले कर्जदार को बताया जाना चाहिए
3. रिकवरी एजेंट के पास ऑथराइजेशन लेटर और बैंक नोटिस की कॉपी होनी चाहिए
4. अगर कर्जदार शिकायत करे तो बैंक उस केस को उसी रिकवरी एजेंसी के पास न भेजे
5. या फिर बैंक उस शिकायत पर गौर करे और उसका समाधान करे

बैड बैंक सिर्फ बड़े कर्ज पर ध्यान देगा
श्रीराम ने कहा कि सरकार ने हाल ही में नेशनल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी लि. (NARCL) को मंजूरी दी है. इस Bad Bank से फंसे कर्ज से जूझ रहे भारतीय बैंकों का नुकसान होगा औऱ उन्हें कर्ज बांटने के अपने मूल काम पर फोकस करने में मदद मिलेगी. भारत में पहले ही 50 के करीब निजी एसेंट रीकंस्ट्रक्शन कंपनियां हैं, जो लघु और मझोले आकार के कर्जों का निपटारा करती हैं.लेकिन बड़े आकार के एनपीए इसके दायरे में नहीं है.  

बैड बैंक की जरूरत क्यों पड़ी
फिनटेक के सीईओ श्रीराम के मुताबिक, बैड बैंक की काफी जरूरत थी, अगर ये दो साल पहले आता तो बड़ी संख्या में कंपनियों को डूबने से बचाया जा सकता था और बैंकों को अपनी बैलेंसशीट साफ रखने में भी मदद मिलती. मौजूदा सिस्टम में अगर किसी बैंक का एनपीए (NPA) या फंसा कर्ज काफी ज्यादा हो जाता है तो आरबीआई उसके कर्ज बांटने पर अंकुश लगा देता है. बैड बैंक न केवल इस फंसे कर्ज का बोझ अपने ऊपर लेगा, जिससे बैंक आसानी से ऋण बांट सकेंगे. सकेंगे. बैंकों के ज्यादा कर्ज बांटने से अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.कोरोना काल में आर्थिक संकट के दौरान एनपीए बढ़ा है, इसलिए बैड बैंक की जरूरत पड़ी. कोविड के दौरान 2020-21 में अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक निचले स्तर पर चली गई थी. 

किस क्षेत्र में कितना एनपीए
कृषि : 9.8%
उद्योग : 11.3%
सेवा :  7.5%
पर्सनल लोन : 2.1%

अमेरिका में खुला था पहला बैड बैंक
दुनिया का सबसे पहला बैड बैंक अमेरिका में खुला था. ग्रांट स्ट्रीट नेशनल बैंक (Grant Street National Bank) पहला बैड बैंक था, जिसे मेलोन बैंक (Mellon Bank) के फंसे कर्ज के निपटारे के लिए बनाया गया था. 2008 की आर्थिक मंदी के बाद भी विश्व में तेजी से बैड बैंक खुले. फेडरल रिजर्व बैंक ( Federal Reserve Bank ) ने पहली बार निजी बैंकों के कर्ज से निपटने के लिए सरकारी बैड बैंक का विचार सुझाया था. 2009 में आयरलैंड ने पहला सरकारी बैड बैंक बनाया. 

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