योगगुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने शुक्रवार को एनडीटीवी के शो 'मुकाबला' में खास बातचीत की. इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून (CAA), जम्मू कश्मीर में इंटरनेट और फोन कॉलिंग प्रतिबंध, जेएनयू सहित कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. रामदेव ने CAA के मुद्दे पर कहा, ''आजादी संविधान और न्याय पर आधारित होनी चाहिए. मुझे जिन्ना वाली आजादी नहीं चाहिए, महात्मा गांधी और भगत सिंह वाली आजादी चाहिए. पिछले एक-दो महीनों से लग रहा है कि हिन्दुस्तान में सभी प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं. मैं आंदोलनों का पक्ष लेने वाला व्यक्ति हूं. आंदोलन करना लोगों का अधिकार है.''
उन्होंने CAA को लेकर पूछे गए सवाल पर आगे कहा, ''यह देश जितना BJP और नरेंद्र मोदी का है, उतना ही विपक्ष का भी, ऐसे आंदोलन से विदेश में देश की बदनामी होती है. शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर बाबा रामदेव ने कहा कि सड़क के ऊपर धरना प्रदर्शन ठीक नहीं है. जितना हिन्दू को रहने का अधिकार है उतना ही मुस्लिमों को भी इस देश में रहने का अधिकार है. योग गुरु ने कहा, उन्हें डर क्यों है? देश में काल्पनिक भय तैयार किया जा रहा है.''
उन्होंने कहा, ''आंदोलन के मुद्दे न्यायपूर्ण और संवैधानिक होने चाहिए. क्या हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के लिए बना है या फिर बाहर के लिए लोगों के लिए. मैं तो कहता हूं कि एक भी बाहर का नागरिक बुलाने की जरूरत नहीं, अपने यहां पर्याप्त है और उनके ऊपर नियंत्रण करें. बाहरी जो लोग प्रताड़ित होते है तो वहां कहां जाएंगे?''
CAA पर बाबा रामदेव ने आगे कहा, ''इसे पॉलिटिसाइज (राजनीति के बारे में कहना) किया जा रहा है. मैं भाईचारा मानने वाला आदमी हूं. कुछ लोग हिंदु में भी सिरफिरे हैं, जो आपस में नफरत है जो आपस में झगड़े कराते हैं, कुछ मुस्लिम में भी ऐसे हैं. हमारे मजहब अलग हो सकते हैं, लेकिन बाकी हम एक हैं. कर्म को धर्म को मानता हूं. एक बात के लिए एनडीटीवी की तारीफ करता हूं. एनडीटीवी कोई अंधविश्वास नहीं फैलाता इस बात के लिए बधाई देता हूं.''
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उन्होंने कहा, ''देश के मुसलमानों को कोई भी बाहर नहीं कर सकता. देश में अवैध नागरिक नहीं आनी चाहिए. यदि यहां अवैध नागरिक है और अवैध गतिविधि कर रहा है तो उसको पकड़कर जेल में डालना चाहिए. यदि अवैध नागरिक की संख्या अधिक होगी तो लाखों-करोड़ों लोगों को रखेंगे कहां? शरणार्थी कैंप में अगर उन्हें रखा गया तो उन्हें खिलाएगा कौन. आगे से अवैध नागरिक न आए, इसके लिए कानून बनाने की जरूरत है. प्रदर्शन करने वाले हिंसक, भारत की बर्बादी के नारे और भारत विरोधी आजादी के नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. आजादी का मतलब पहनने, खाने-पीने आदि में कोई दिक्कत नहीं. आजादी से दूसरों की आजादी बाधित नहीं होनी चाहिए. मैं असर-कारी होकर भी अ-सरकारी हूं.''
रोजगार से जुड़े मुद्दे पर बाबा रामदेव ने कहा, ''मैंने 2 लाख लोगों को रोजगार दिया, करीब 5 लाख किसान मेरे साथ जुड़े हैं, और 5 लाख लोगों को रोजगार देने की योजना अभी भी है. मेरी कोई लग्जरी लाइफ नहीं और कोई वाइफ नहीं.''
बाबा रामदेव ने कहा, ''यदि मैं इस देश में आर्थिक प्रगति कर रहा हूं तो इससे देश का ही हित है. इससे अर्थव्यवस्था में देश को मदद ही मिल रही है. हमने विदेशी ब्रांड के सामने देशी ब्रांड खड़ा करके अच्छा ही किया. मैं FDI का विरोधी था और रहूंगा. मैं किसी सरकार का एजेंट नहीं. देश का पैसा बाहर नहीं जाना चाहिए. अपना देश नेचुरल रिसोर्जेस से भरा पड़ा हुआ है, उसका दोहन नहीं होना चाहिए और भ्रष्टाचार या घोटाला नहीं होना चाहिए. आज जितनी हम अर्थव्यवस्था में बैठे हैं उससे 5 गुनी ज्यादा हो सकती है मात्र 10 सालों में. देश में बिजनेस की रिस्पेक्ट होनी चाहिए. अर्थव्यस्था पर में सरकार को प्रजेंटेशन को दूंगा.''
बाबा रामदेव से कार्यक्रम के दौरान ट्विटर पर जब यह पूछा गया कि क्या बाबा रामदेव शाहीन बाग में प्रदर्शन के लिए आएंगे. महिलाओं का समर्थन देंगे? क्या बाबा रामदेव के पास देश में शांति के लिए कोई मंत्र है? उन्होंने कहा कि मैं कल (शनिवार) शाहीन बाग जाऊंगा. वहां जाकर उनकी सुनुंगा और उनकी बातें करके पीएम मोदी और उनके लोगों को बताऊंगा. मैं किसी के पक्ष या विपक्ष (समर्थन या विरोध) में नहीं जा रहा हूं और न ही किसी का बिचौलिया हूं. शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर बाबा रामदेव ने कहा कि सड़क के ऊपर धरना प्रदर्शन ठीक नहीं है. जितना हिन्दू को रहने का अधिकार है उतना ही मुस्लिमों को भी इस देश में रहने का अधिकार है.
वहीं, बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार नसीरुद्दीन शाह के बयान पर भी बाबा रामदेव ने जवाब दिया है. बाबा रामदेव ने कहा, "नसीरुद्दीन शाह को मैं पूरे परिवार सहित भय मुक्त पतंजलि में रखने को तैयार हूं. वो अपनी फिल्म शूटिंग के लिए जाएं और वापस पतंजलि में आकर रहें."
दर्शकों के बीच से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां के माहौल और पाबंदियों को लेकर पूछे गए सवाल पर बाबा रामदेव ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में अब तक कितने लोगों की शहादत हो चुकी है. वहां लोग एक-दूसरे को मार रहे हैं. रोज पत्थरबाजी और आंतकी गतिविधियां हो रही है. किस तरह से वहां (जम्मू-कश्मीर) हजारों कश्मीरों पंडितों को निकाल दिया गया था, तो क्या यह डेमोक्रेसी थी. वहां पर कुछ समय के लिए तकलीफे झेली जा सकती है, लेकिन लंबे समय के लिए नहीं होनी चाहिए.''
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