फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को इफ्तार की दावत दी। दिल्ली के अशोका होटल में आयोजित इफ्तार पार्टी में तमाम सियासी दलों के नेता शामिल हुए।
इस दावत में जनता परिवार के दूसरे दलों जैसे आरजेडी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जेडीयू के नेता तो मौजूद थे, मुलायम सिंह यादव की समाजपार्टी पार्टी से किसी भी नेता ने इसमें शिरकत नहीं की। इसे लेकर उठ रही अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि यादव ने उन्हें एक पत्र लिख कर दिन में ही सूचित कर दिया था कि उन्हें किसी 'जरूरी काम से' लखनऊ जाना पड़ा है।
इस इफ्तार पार्टी में बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा मौजूद थे, जबकि सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम कुछ देर के लिए आए। वाम दलों के ओर से उनके अलावा कोई दूसरे नेता यहां नजर नहीं आए।
इफ्तार पार्टी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोनिया से बातें करते देखे गए। इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार और तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन भी वहीं बैठे थे।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, डीएमके नेता कनिमोई, जदयू के अध्यक्ष शरद यादव और उनके साथी के सी त्यागी भी इफ्तार पार्टी में आए और राहुल गांधी के साथ बैठे।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद इफ्तार पार्टी में नहीं आए, लेकिन उन्होंने अपने पार्टी सहयोगी प्रेमचंद गुप्ता और जयप्रकाश यादव को भेजा।
इस इफ्तार पार्टी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए के एंटनी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे। इनके अलावा कांग्रेस के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई (असम), हरीश रावत (उत्तराखंड) और वीरभद्र सिंह (हिमाचल प्रदेश) भी मौजूद थे। इस इफ्तार में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित सहित कई विदेशी राजनयिक भी मौजूद थे।
सवालों के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में उठाने के लिए हमारे पास मुद्दों की लंबी सूची है। हालांकि मुद्दों के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया। यह पूछे जाने पर कि क्या सदन में समान विचारधारा वाले अन्य दलों के साथ समन्वय होगा, राहुल ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है। उन्होंने अपनी मेज के आसपास बैठे अन्य विपक्षी नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा 'और यह क्या है?' राहुल को कनिमोई के साथ बातचीत करते और उनसे भाजपा तथा अन्नाद्रमुक के संबंधों के बारे में सवाल करते देखा गया।
इस दावत में जनता परिवार के दूसरे दलों जैसे आरजेडी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जेडीयू के नेता तो मौजूद थे, मुलायम सिंह यादव की समाजपार्टी पार्टी से किसी भी नेता ने इसमें शिरकत नहीं की। इसे लेकर उठ रही अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि यादव ने उन्हें एक पत्र लिख कर दिन में ही सूचित कर दिया था कि उन्हें किसी 'जरूरी काम से' लखनऊ जाना पड़ा है।
इस इफ्तार पार्टी में बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा मौजूद थे, जबकि सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम कुछ देर के लिए आए। वाम दलों के ओर से उनके अलावा कोई दूसरे नेता यहां नजर नहीं आए।
इफ्तार पार्टी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोनिया से बातें करते देखे गए। इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार और तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन भी वहीं बैठे थे।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, डीएमके नेता कनिमोई, जदयू के अध्यक्ष शरद यादव और उनके साथी के सी त्यागी भी इफ्तार पार्टी में आए और राहुल गांधी के साथ बैठे।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद इफ्तार पार्टी में नहीं आए, लेकिन उन्होंने अपने पार्टी सहयोगी प्रेमचंद गुप्ता और जयप्रकाश यादव को भेजा।
इस इफ्तार पार्टी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए के एंटनी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे। इनके अलावा कांग्रेस के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई (असम), हरीश रावत (उत्तराखंड) और वीरभद्र सिंह (हिमाचल प्रदेश) भी मौजूद थे। इस इफ्तार में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित सहित कई विदेशी राजनयिक भी मौजूद थे।
सवालों के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में उठाने के लिए हमारे पास मुद्दों की लंबी सूची है। हालांकि मुद्दों के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया। यह पूछे जाने पर कि क्या सदन में समान विचारधारा वाले अन्य दलों के साथ समन्वय होगा, राहुल ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है। उन्होंने अपनी मेज के आसपास बैठे अन्य विपक्षी नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा 'और यह क्या है?' राहुल को कनिमोई के साथ बातचीत करते और उनसे भाजपा तथा अन्नाद्रमुक के संबंधों के बारे में सवाल करते देखा गया।
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