प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में जिन 40 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं हैं, उनके खिलाफ प्राधिकार कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर सकते हैं क्योंकि अभी यह महज एक मसौदा भर है. शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को इस मसौदे के प्रकाशन के संदर्भ में दावों और आपत्तियों पर फैसले के लिए एक समय सीमा सहित तौर तरीका और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'ये सिर्फ एक ड्राफ्ट NRC है और इसके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. इसके लिए फाइनल NRC जरूरी है. इस संबंध में जिनके नाम लिस्ट में नहीं हैं उनके दावों और आपत्तियों की जांच के लिए निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. कॉर्डिनर और सरकार वो प्रकिया SOP कोर्ट को बताएं जिनके जरिए दावों व आपत्तियों की छानबीन होगी. नियम के मुताबिक लोकल रजिस्ट्रार सभी लोगों की शिकायतों का निपटारा करेगा और सूची में क्यों नहीं शामिल किया गया है ये बताएगा.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है कि वो अगस्त के मध्य तक कोर्ट को बताएंगे. कोर्ट ने कहा कि हम संबंधित विभाग को कोर्ट में डिटेल देने की अनुमति देते हैं जिन लोगों के नाम नहीं है सूची में उसके निवारण के लिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 16 अगस्त को तय करेंगे कि आगे की कार्रवाई कैसे की जाएगी.
असम में क्या है एनआरसी मसौदा, 40 लाख अवैध नागरिकों के पास अब कौन सा है विकल्प
सुनवाई के दौरान स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट सौंपी. हजेला ने कहा कि 30 अगस्त से 20 सितंबर के बीच लोग अपना दावा और आपत्ति दर्ज करा पाएंगे. वो इसके लिए NRC सेवा केंद्र जा सकते हैं. सात अगस्त से लोग ये कारण जान सकते हैं कि उनका नाम NRC में क्यों नहीं आया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी अर्जी देगा उसे फेयर प्रोसिडिंग मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर फेयर प्रोसिडिंग नहीं हुई तो हम सुधार करेंगे. कोर्ट ने पूछा- NRC फाइनल लिस्ट जारी करने की आखिरी तारीख क्या है? हमने कहीं पढ़ा है कि ये 31 दिसंबर है. हजेला ने कहा कि NRC फाइनल लिस्ट जारी करने की आखिरी तारीख तय नहीं की गई है. ये सुप्रीम कोर्ट को तय करना है.
असम में क्या है एनआरसी मसौदा, 40 लाख अवैध नागरिकों के पास अब कौन सा है विकल्प
जस्टिस गोगोई ने पूछा कि NRC को लेकर SOP क्या है? AG केके वेणुगोपाल ने कहा - सरकार किसी दावे को वेरिफाई करने के लिए वाजिब मौके देगी. सुप्रीम कोर्ट ने AG से कहा कि आपको जो लगता है आप हमें दें. उसके बाद हम देखेंगे. नियम के मुताबिक लोकल रजिस्ट्रार सबको नोटिस देगा. कोर्ट में दी गई रिपोर्ट के मुताबिक 30 जुलाई को जारी लिस्ट में 37 लाख से अधिक लोगों को सूची से बाहर किया गया है.
असम में विदेशियों की पहचान कर वापस भेजने के लिए नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन्स NRC बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. सुनवाई के ठीक एक दिन पहले सरकार ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दूसरे एवं अंतिम मसौदा को जारी कर दिया है, ताकि अवैध तौर पर वहां पर रह रहे लोगों का पता लगाया जा सके. इसे कड़ी सुरक्षा के बीच जारी किया गया है. हालांकि, सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अभी लोगों को इसमें अपना नाम शामिल कराने के लिए पर्याप्त मौका दिया जाएगा और फिलहाल किसी को नहीं निकाल जाएगा. असम में विदेशियों की पहचान कर वापस भेजने के लिए नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन्स NRC बनाने का मामले में दो जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल NRC ड्राफ्ट जारी करने की डेडलाइन 30 जून से बढ़ाकर 30 जुलाई कर दी थी.
VIDEO: कौन है असली, कौन है नकली?
सुप्रीम कोर्ट ने एक ट्रांसजेंडर की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कहा कि क्या आपने उस समय फॉर्म को भरा जिस समय भरा जा रहा था. उसमें महिला, पुरूष और अन्य का कॉलम था. आपको अन्य के कॉलम में भरना चाहिए था. कोर्ट ने कहा कि आपने बस को मिस किया. कोर्ट ने कहा कि अगर इस समय हम किसी अर्जी पर सुनवाई को लिए तैयार होते हैं तो 'फ्लड गेट' खुल जायेगा. हालांकि कोर्ट ने याचिका को खारिज नहीं किया. लंबित रखा है. अटॉर्नी जनरल ने कहा- हमने बायोमिट्रिक्स के आधार पर पहचान करने को आधार बनाया है. जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- अभी आपको जो उचित लगता है वो करें. जिलावार NRC ऑब्जेक्शन और क्लेम को गम्भीरता से परखें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'ये सिर्फ एक ड्राफ्ट NRC है और इसके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. इसके लिए फाइनल NRC जरूरी है. इस संबंध में जिनके नाम लिस्ट में नहीं हैं उनके दावों और आपत्तियों की जांच के लिए निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. कॉर्डिनर और सरकार वो प्रकिया SOP कोर्ट को बताएं जिनके जरिए दावों व आपत्तियों की छानबीन होगी. नियम के मुताबिक लोकल रजिस्ट्रार सभी लोगों की शिकायतों का निपटारा करेगा और सूची में क्यों नहीं शामिल किया गया है ये बताएगा.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है कि वो अगस्त के मध्य तक कोर्ट को बताएंगे. कोर्ट ने कहा कि हम संबंधित विभाग को कोर्ट में डिटेल देने की अनुमति देते हैं जिन लोगों के नाम नहीं है सूची में उसके निवारण के लिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 16 अगस्त को तय करेंगे कि आगे की कार्रवाई कैसे की जाएगी.
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सुनवाई के दौरान स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट सौंपी. हजेला ने कहा कि 30 अगस्त से 20 सितंबर के बीच लोग अपना दावा और आपत्ति दर्ज करा पाएंगे. वो इसके लिए NRC सेवा केंद्र जा सकते हैं. सात अगस्त से लोग ये कारण जान सकते हैं कि उनका नाम NRC में क्यों नहीं आया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी अर्जी देगा उसे फेयर प्रोसिडिंग मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर फेयर प्रोसिडिंग नहीं हुई तो हम सुधार करेंगे. कोर्ट ने पूछा- NRC फाइनल लिस्ट जारी करने की आखिरी तारीख क्या है? हमने कहीं पढ़ा है कि ये 31 दिसंबर है. हजेला ने कहा कि NRC फाइनल लिस्ट जारी करने की आखिरी तारीख तय नहीं की गई है. ये सुप्रीम कोर्ट को तय करना है.
असम में क्या है एनआरसी मसौदा, 40 लाख अवैध नागरिकों के पास अब कौन सा है विकल्प
जस्टिस गोगोई ने पूछा कि NRC को लेकर SOP क्या है? AG केके वेणुगोपाल ने कहा - सरकार किसी दावे को वेरिफाई करने के लिए वाजिब मौके देगी. सुप्रीम कोर्ट ने AG से कहा कि आपको जो लगता है आप हमें दें. उसके बाद हम देखेंगे. नियम के मुताबिक लोकल रजिस्ट्रार सबको नोटिस देगा. कोर्ट में दी गई रिपोर्ट के मुताबिक 30 जुलाई को जारी लिस्ट में 37 लाख से अधिक लोगों को सूची से बाहर किया गया है.
असम में विदेशियों की पहचान कर वापस भेजने के लिए नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन्स NRC बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. सुनवाई के ठीक एक दिन पहले सरकार ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दूसरे एवं अंतिम मसौदा को जारी कर दिया है, ताकि अवैध तौर पर वहां पर रह रहे लोगों का पता लगाया जा सके. इसे कड़ी सुरक्षा के बीच जारी किया गया है. हालांकि, सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अभी लोगों को इसमें अपना नाम शामिल कराने के लिए पर्याप्त मौका दिया जाएगा और फिलहाल किसी को नहीं निकाल जाएगा. असम में विदेशियों की पहचान कर वापस भेजने के लिए नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन्स NRC बनाने का मामले में दो जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल NRC ड्राफ्ट जारी करने की डेडलाइन 30 जून से बढ़ाकर 30 जुलाई कर दी थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने एक ट्रांसजेंडर की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कहा कि क्या आपने उस समय फॉर्म को भरा जिस समय भरा जा रहा था. उसमें महिला, पुरूष और अन्य का कॉलम था. आपको अन्य के कॉलम में भरना चाहिए था. कोर्ट ने कहा कि आपने बस को मिस किया. कोर्ट ने कहा कि अगर इस समय हम किसी अर्जी पर सुनवाई को लिए तैयार होते हैं तो 'फ्लड गेट' खुल जायेगा. हालांकि कोर्ट ने याचिका को खारिज नहीं किया. लंबित रखा है. अटॉर्नी जनरल ने कहा- हमने बायोमिट्रिक्स के आधार पर पहचान करने को आधार बनाया है. जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- अभी आपको जो उचित लगता है वो करें. जिलावार NRC ऑब्जेक्शन और क्लेम को गम्भीरता से परखें.
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