लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) के एक बयान पर विवाद हो गया. नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में जमा हुए छात्रों को संबोधित करने के लिए वह बीते बुधवार दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंची थीं. लेखिका ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में डिटेंशन सेंटर के मामले में सरकार झूठ बोल रही है. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) को लेकर दिए बयान पर विवाद बढ़ता देख अब उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया.
अरुंधति रॉय ने कहा, 'मैंने उन झूठों की प्रतिक्रिया के तौर पर वो बयान दिया था. मैंने कहा था कि हमें हास्यास्पद जानकारी दर्ज करनी चाहिए जब वो एनपीआर के लिए हमारे व्यक्तिगत डेटा को इकट्ठा करने के लिए आएं. मैंने कहा था कि आप मुस्कान के साथ उन्हें इसके लिए इंकार कर दें.'
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लेखिका ने मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा, 'टीवी चैनलों के जो रिपोर्टर वहां मौजूद थे, उनके पास मेरी स्पीच की पूरी फुटेज थी लेकिन उन्होंने इसे ऑन एयर नहीं किया. वो लोग इसे लेकर लोगों को गुमराह करते रहे और झूठ बोलते रहे. टीवी चैनलों ने मेरे घर की घेराबंदी कर दी. इसकी वजह से मेरी गिरफ्तारी की बात होने लगी. संयोग से मेरी स्पीच यूट्यूब पर मौजूद थी.'
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उन्होंने आगे कहा, 'मेरा सवाल ये है कि क्या इस देश के प्रधानमंत्री के लिए हमसे झूठ बोलना सही है. ये अद्भुत समय है. अद्भुत लोग हैं.' बताते चलें कि NPR को लेकर अरुंधति रॉय का जो बयान सामने आया था उसके अनुसार उन्होंने कहा, 'NPR भी NRC का ही हिस्सा है. जब सरकारी कर्मचारी NPR के लिए जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा-बिल्ला बताएं और अपने घर का पता देने के बजाए पीएम के घर का पता लिखवाएं.'
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