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This Article is From Jun 25, 2018

'आपातकाल' पर अरुण जेटली का फेसबुक पोस्ट, 'हिटलर' से की इंदिरा गांधी की तुलना

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इमरजेंसी को लेकर हिटलर और इंदिरा गांधी की तुलना की है. जेटली ने लिखा है कि ऐसा लगता है जैसे इमरजेंसी की स्क्रिप्ट 1933 के नाजी जर्मनी से प्रेरित रही है.

'आपातकाल' पर अरुण जेटली का फेसबुक पोस्ट, 'हिटलर' से की इंदिरा गांधी की तुलना
इंदिरा गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इमरजेंसी को लेकर हिटलर और इंदिरा गांधी की तुलना की है. जेटली ने लिखा है कि ऐसा लगता है जैसे इमरजेंसी की स्क्रिप्ट 1933 के नाजी जर्मनी से प्रेरित रही है. CHNG हिटलर और इंदिरा गांधी दोनों ने देश पर ख़तरे का ज़िक्र करते हुए तानाशाही थोपी और CHNG इसके लिए संविधान रद्द नहीं किया, उसी का इस्तेमाल किया. CHNG दोनों ने विपक्षी नेताओं को गिरफ़्तार कराया और CHNG दोनों ने प्रेस सेंसरशिप लागू की. जेटली ने लिखा है कि इंदिरा इस मायने में आगे निकल गईं कि उन्होंने अपनी तानाशाही को वंशवाद में बदला जो हिटलर ने नहीं किया था. 25 और 26 जून 1975 की रात को आपातकाल के आदेश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के दस्तखत के साथ देश में आपातकाल लागू हो गया था. अगली सुबह समूचे देश ने रेडियो पर इंदिरा गांधी की आवाज में संदेश सुना कि भाइयों और बहनों, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा की है. लेकिन इससे लोगों को डरने की जरूरत नहीं है.

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भाजपा नेता ने कहा कि गांधी ने अनुच्छेद-352 के तहत आपातकाल लागू किया, अनुच्छेद 359 के तहत मौलिक अधिकारों को रद्द कर दिया और दावा किया कि विपक्ष ने अव्यवस्था पैदा करने की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा कि हिटलर ने अधिकांश सांसदों को गिरफ्तार करा लिया था. जेटली ने कहा, "इंदिरा ने ज्यादातर विपक्षी सांसदों को गिरफ्तार करवा लिया था और उनकी अनुपस्थिति में दो-तिहाई बहुमत साबित कर संविधान में कई सारे संशोधन करवा लिए."



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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 42वें संशोधन के जरिए उच्च न्यायालयों के रिट पेटीशन जारी करने के अधिकार को कमजोर कर दिया गया. डॉ. भीमराव आंबेडकर ने इस शक्ति को संविधान की आत्मा करार दिया था. उन्होंने कहा, "इसके अलावा इंदिरा ने अनुच्छेद-368 में भी बदलाव किया था, ताकि संविधान में किए गए बदलाव की न्यायिक समीक्षा न की जा सके. ऐसी बहुत-सी चीजें थीं, जिसे हिटलर ने नहीं की, लेकिन गांधी ने की."

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जेटली ने कहा, "उन्होंने संसदीय कार्यवाही के मीडिया में प्रकाशन पर भी रोक लगा दी. जिस कानून ने मीडिया को संसदीय कार्यवाही को प्रकाशित करने का अधिकार दिया, उसे फिरोज गांधी विधेयक के नाम से जाना जाता था." उन्होंने कहा, "गांधी ने संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम तक में बदलाव कर डाला था. संशोधन के जरिए प्रधानमंत्री के चुनाव को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती थी."

VIDEO: ‘आपातकाल’ पर जेटली का ब्लॉग: इंदिरा गांधी की हिटलर से तुलना
जेटली ने कहा, "जनप्रतिनिधित्व कानून को पूर्वप्रभाव से संशोधित किया गया, ताकि इंदिरा के गैरकानूनी चुनाव को इस कानून के तहत सही ठहराया जा सके." उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान में किए गए संशोधनों को बाद में जनता पार्टी की सरकार ने रद्द कर दिया था.

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