प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
आतंकी हमलों और घुसपैठ से निपटने के लिए सेना ने सीमापार ज़बरदस्त कार्रवाई की है. सूत्रों ने बताया है कि सेना गुरिल्ला ऑपरेशन, रेड्स और लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर बग़ैर लक्ष्य साधकर सटीक गोलाबारी कर रही है. नतीजतन इस साल के शुरुआती 45 दिन में पाकिस्तान के करीब 20 सैनिक मारे गए हैं. खासकर जम्मू के सुनजवां आर्मी कैम्प पर हमले के बाद सैन्य कार्रवाई में काफी तेजी आई है. हालांकि इस खबर की आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि करने को तैयार नहीं है.
दरअसल नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लॉन्च पैड्स पर करीब 300 आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं. पाकिस्तान की सेना की देखरेख में घाटी में दहशत फैलाने की यह साज़िश चल रही है. इसके बाद सेना ने अपने स्थानीय कमांडरों को अपने ढंग से हालात से निपटने के खुले आदेश दे दिए हैं. सेना उन पाकिस्तानी पोस्ट्स को ख़ास तौर से निशाना बना रही है, जिनसे आतंकवादियों को मदद मिल रही है. यही कारण है कि पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इन हमलों से परेशान पाकिस्तानी सेना अब भारतीय सेना के युद्धविराम उलंघन का आरोप लगा रही है. खुद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत कह चुके हैं अगर पाक भारत को एक जख्म देता है तो हम उसे कई गुना जख्म देंगे. सुनजवां हमले के तार भी पाक से जुड़े हैं. इसी को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी कह चुकी हैं कि पाक को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
यही कारण है कि रावलपिंडी स्थित 10 कोर के कमांडर लेफ़्टिनेंट जनरल नदीम राजा ने जनवरी में लाइन ऑफ़ कंट्रोल का कई बार दौरा किया है. सीमा पर जारी इस एक्शन का ही परिणाम है कि बीते साल जहां पूरे साल में पाकिस्तान ने 860 बार युद्धविराम समझौते का उल्लंघन किया था. वहीं इस साल केवल 45 दिन में ही यह आंकड़ा 280 पहुंच चुका है. सेना के सूत्रों का कहना है कि जब तक पाक सेना आतंकियों को घुसपैठ कराती रहेगी तब तक उसके खिलाफ सेना का आक्रामक अभियान जारी रहेगा.
VIDEO: सुंजवान कैंप हमला, चार आतंकी ढेर
दरअसल नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लॉन्च पैड्स पर करीब 300 आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं. पाकिस्तान की सेना की देखरेख में घाटी में दहशत फैलाने की यह साज़िश चल रही है. इसके बाद सेना ने अपने स्थानीय कमांडरों को अपने ढंग से हालात से निपटने के खुले आदेश दे दिए हैं. सेना उन पाकिस्तानी पोस्ट्स को ख़ास तौर से निशाना बना रही है, जिनसे आतंकवादियों को मदद मिल रही है. यही कारण है कि पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इन हमलों से परेशान पाकिस्तानी सेना अब भारतीय सेना के युद्धविराम उलंघन का आरोप लगा रही है. खुद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत कह चुके हैं अगर पाक भारत को एक जख्म देता है तो हम उसे कई गुना जख्म देंगे. सुनजवां हमले के तार भी पाक से जुड़े हैं. इसी को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी कह चुकी हैं कि पाक को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
यही कारण है कि रावलपिंडी स्थित 10 कोर के कमांडर लेफ़्टिनेंट जनरल नदीम राजा ने जनवरी में लाइन ऑफ़ कंट्रोल का कई बार दौरा किया है. सीमा पर जारी इस एक्शन का ही परिणाम है कि बीते साल जहां पूरे साल में पाकिस्तान ने 860 बार युद्धविराम समझौते का उल्लंघन किया था. वहीं इस साल केवल 45 दिन में ही यह आंकड़ा 280 पहुंच चुका है. सेना के सूत्रों का कहना है कि जब तक पाक सेना आतंकियों को घुसपैठ कराती रहेगी तब तक उसके खिलाफ सेना का आक्रामक अभियान जारी रहेगा.
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