एआर रहमान (फाइल फोटो)
असहनशीलता पर आमिर खान के बयान के बाद अब संगीतकार एआर रहमान ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि वह भी आमिर जैसे हालत का सामना कर चुके हैं।
मुझे भी आमिर जैसे हालात का सामना करना पड़ा
रहमान कहा कि कुछ महीने पहले उन्हें भी आमिर जैसे हालात का सामना करना पड़ा था। मुंबई की रज़ा अकादमी की ओर से जारी एक फतवे का हवाला देते हुए उन्होंने यह बात कही। रहमान ने एक अंग्रेजी अख़बार से बातचीत में कहा कि 'मैं भी आमिर जैसे हालात से गुज़रा' हूं। (आमिर खान ने असहिष्णुता मुद्दे पर कहा, पत्नी किरण राव ने दिया था भारत छोड़ने का सुझाव)
मुंबई की रजा अकादमी ने जारी किया फतवा
मुंबई की रजा अकादमी ने यह फतवा जारी किया था। यह फतवा ईरान की एक फिल्म में रहमान के दिए म्यूजिक के खिलाफ था। फतवे में कहा गया था कि यह ईरानी फिल्म इस्लाम का मजाक उड़ाती है।
पढ़ें- आमिर खान के 'असहिष्णुता' पर दिए गए बयान पर सोशल मीडिया दो खेमों में बंटा
काव्यात्मक लगते हैं ऐसे प्रदर्शन
रहमान का कहना है कि देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ बुद्धिजीवियों का एक वर्ग जिस प्रकार से प्रदर्शन कर रहा है वह उन्हें काव्यात्मक लगते हैं, क्योंकि उनकी प्रकृति अहिंसक है।
ऑस्कर और ग्रैमी पुरस्कार जीत चुके रहमान को लगता है कि किसी प्रकार के विरोध का स्वागत है, लेकिन वह उत्तम दर्जे का होना चाहिए और लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा नहीं करनी चाहिए। रहमान ने कहा, ‘‘कोई भी काम उम्दा तरीके से किया जाना चाहिए और किसी भी प्रकार का विरोध अच्छे तरीके से किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा की बजाय, लोग जो कर रहे हैं वह बहुत काव्यात्मक है। 48 वर्षीय संगीतकार का कहना है कि भारत को उदाहरण पेश करना चाहिए क्योंकि वह महात्मा गांधी का देश है, जिन्होंने देश में अहिंसात्मक आंदोलन का नेतृत्व किया।
महात्मा गांधी की धरती से आते हैं
रहमान ने कहा, ‘‘हमें पूरी दुनिया के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए क्योंकि हम महात्मा गांधी की धरती से आते हैं। उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया है कि कैसे अहिंसा के जरिए क्रांति की जा सकती है। यह पूछने पर कि क्या मुसलमान देश में असुरक्षित हैं, उन्होंने कहा, मैं इस सवाल का जवाब देने की स्थिति में नहीं हूं। उनसे जब आमिर खान की टिप्पणियों के बारे में सवाल किया गया तो, रहमान ने कहा, मुझे परेशानी में न डालें।
पढ़ें- एक 'गुमनाम' प्रशंसक का खुला खत, आमिर खान के नाम, जिसके साथ हम रहना चाहते हैं...
ऑस्कर अवार्ड जीतकर धूम मचा चुके हैं रहमान
एआर रहमान ऐसे संगीतकार हैं, जिन्होंने ऑस्कर अवॉर्ड जीतकर देश का नाम बढ़ाया। फ़िल्म 'स्लमडॉग मिलिनेयर' में बेहतरीन संगीत के लिए उन्हें यह अवॉर्ड मिला। उनके संगीत से सजे गाने 'जय हो' ने पूरी दुनिया में धूम मचाई थी। इसके अलावा वह रोजा, बॉम्बे, गुरू, रंगीला, ताल और दिल से सरीखी फिल्में देकर खूब वाहवाही बटोरी है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
मुझे भी आमिर जैसे हालात का सामना करना पड़ा
रहमान कहा कि कुछ महीने पहले उन्हें भी आमिर जैसे हालात का सामना करना पड़ा था। मुंबई की रज़ा अकादमी की ओर से जारी एक फतवे का हवाला देते हुए उन्होंने यह बात कही। रहमान ने एक अंग्रेजी अख़बार से बातचीत में कहा कि 'मैं भी आमिर जैसे हालात से गुज़रा' हूं। (आमिर खान ने असहिष्णुता मुद्दे पर कहा, पत्नी किरण राव ने दिया था भारत छोड़ने का सुझाव)
मुंबई की रजा अकादमी ने जारी किया फतवा
मुंबई की रजा अकादमी ने यह फतवा जारी किया था। यह फतवा ईरान की एक फिल्म में रहमान के दिए म्यूजिक के खिलाफ था। फतवे में कहा गया था कि यह ईरानी फिल्म इस्लाम का मजाक उड़ाती है।
पढ़ें- आमिर खान के 'असहिष्णुता' पर दिए गए बयान पर सोशल मीडिया दो खेमों में बंटा
काव्यात्मक लगते हैं ऐसे प्रदर्शन
रहमान का कहना है कि देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ बुद्धिजीवियों का एक वर्ग जिस प्रकार से प्रदर्शन कर रहा है वह उन्हें काव्यात्मक लगते हैं, क्योंकि उनकी प्रकृति अहिंसक है।
ऑस्कर और ग्रैमी पुरस्कार जीत चुके रहमान को लगता है कि किसी प्रकार के विरोध का स्वागत है, लेकिन वह उत्तम दर्जे का होना चाहिए और लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा नहीं करनी चाहिए। रहमान ने कहा, ‘‘कोई भी काम उम्दा तरीके से किया जाना चाहिए और किसी भी प्रकार का विरोध अच्छे तरीके से किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा की बजाय, लोग जो कर रहे हैं वह बहुत काव्यात्मक है। 48 वर्षीय संगीतकार का कहना है कि भारत को उदाहरण पेश करना चाहिए क्योंकि वह महात्मा गांधी का देश है, जिन्होंने देश में अहिंसात्मक आंदोलन का नेतृत्व किया।
महात्मा गांधी की धरती से आते हैं
रहमान ने कहा, ‘‘हमें पूरी दुनिया के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए क्योंकि हम महात्मा गांधी की धरती से आते हैं। उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया है कि कैसे अहिंसा के जरिए क्रांति की जा सकती है। यह पूछने पर कि क्या मुसलमान देश में असुरक्षित हैं, उन्होंने कहा, मैं इस सवाल का जवाब देने की स्थिति में नहीं हूं। उनसे जब आमिर खान की टिप्पणियों के बारे में सवाल किया गया तो, रहमान ने कहा, मुझे परेशानी में न डालें।
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ऑस्कर अवार्ड जीतकर धूम मचा चुके हैं रहमान
एआर रहमान ऐसे संगीतकार हैं, जिन्होंने ऑस्कर अवॉर्ड जीतकर देश का नाम बढ़ाया। फ़िल्म 'स्लमडॉग मिलिनेयर' में बेहतरीन संगीत के लिए उन्हें यह अवॉर्ड मिला। उनके संगीत से सजे गाने 'जय हो' ने पूरी दुनिया में धूम मचाई थी। इसके अलावा वह रोजा, बॉम्बे, गुरू, रंगीला, ताल और दिल से सरीखी फिल्में देकर खूब वाहवाही बटोरी है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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