सूचना आयुक्तों की नियुक्ति (Appointment of Information commissioner) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र और राज्यों को सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों को भरने पर स्टेटस रिपोर्ट (Status report) दाखिल करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि केंद्र और राज्यों को चार सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. दरअसल, अदालत देशभर में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश प्रशांत भूषण ने दलील दी कि रिक्तियों को भरने पर SC ने 2020 में केंद्र को निर्देश जारी किए थेलेकिन अदालत द्वारा समय पर पदों को भरने के निर्देश दिए जाने के बावजूद ऐसा नहीं किया गया है.
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Supreme Court asks Centre & State governments to file latest compliance report within four weeks, on a plea seeking timely & transparent appointment of Information Commissioners in the Central Information Commission (CIC) under the Right to Information Act, 2005 pic.twitter.com/qNN5G5xnRM
— ANI (@ANI) July 7, 2021
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प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने चयन पैनल में केवल नौकरशाहों को चुनने की प्रथा को हटा दिया था और कहा था कि चयन के लिए मानदंड रिकॉर्ड में होना चाहिए. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने अदालत को बताया कि ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार की गई हैं. इस पर अदालत ने कहा कि केंद्र द्वारा दायर हलफनामा डेढ़ साल से अधिक पुराना है. ऐसे में रिक्तियों को भरने पर नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाए. प्रशांत भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों ने भी रिक्तियों को नहीं भरा है तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को 4 सप्ताह के भीतर सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों को भरने पर नवीनतम स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
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