सपा नेता शाहिद सिद्दीकी ने कहा, "2002 में मुलायम ने डॉ कलाम का नाम प्रस्तावित किया था, और हमें दोबारा उन्हें राष्ट्रपति बनाने में कोई आपत्ति नहीं।"
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        केंद्रीय कृषिमंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार द्वारा देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में गैर-राजनीतिक व्यक्ति का सुझाव देने के अगले ही दिन सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) ने उनके बयान का समर्थन करते हुए पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सामने रखा है।
सपा नेता शाहिद सिद्दीकी ने सोमवार को कहा, "शरद पवार ने कहा है कि राष्ट्रपति गैर-राजनीतिक होना चाहिए। मेरा भी मानना है कि राष्ट्रपति किसी महान व्यक्ति को ही बनना चाहिए। वर्ष 2002 में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का नाम प्रस्तावित किया था, और हमें दोबारा उन्हें राष्ट्रपति बनाए जाने में कोई आपत्ति नहीं है।"
हालांकि श्री पवार ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाए जाने की बात कही थी। कृषिमंत्री के अनुसार, उन्होंने कहा था, "संसद में एनडीए और यूपीए के सदस्यों के संख्याबल को देखते हुए सभी दलों को मिलकर चर्चा करना चाहिए और सबकी सहमति से राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी चुनकर संवाद प्रक्रिया शुरू करनी होगी। मैंने गैर-राजनीतिक नहीं, सर्वसहमति से चुना गया कहा था, जिसे गैर-राजनीतिक के रूप में रिपोर्ट किया गया।"
उल्लेखनीय है कि श्री पवार ने रविवार को कहा था कि राष्ट्रपति के रूप में गैर-राजनीतिक व्यक्ति को आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि ऐसा हुआ, तो यह चुनाव एक आदर्श चुनाव कहलाएगा।
श्री पवार ने कहा था कि यूपीए और एनडीए दोनों के पास ही इतने सदस्य नहीं है कि वे अपने पसंदीदा उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनवा सकें, इसलिए गैर-राजनीतिक व्यक्ति ही इस बार सबसे अच्छी पसंद रहेगा। साथ ही उन्होंने इस बात से भी साफ इनकार किया था कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति के रूप में पीए संगमा का नाम संभावित उम्मीदवार के रूप में पेश किया है।
                                                                        
                                    
                                सपा नेता शाहिद सिद्दीकी ने सोमवार को कहा, "शरद पवार ने कहा है कि राष्ट्रपति गैर-राजनीतिक होना चाहिए। मेरा भी मानना है कि राष्ट्रपति किसी महान व्यक्ति को ही बनना चाहिए। वर्ष 2002 में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का नाम प्रस्तावित किया था, और हमें दोबारा उन्हें राष्ट्रपति बनाए जाने में कोई आपत्ति नहीं है।"
हालांकि श्री पवार ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाए जाने की बात कही थी। कृषिमंत्री के अनुसार, उन्होंने कहा था, "संसद में एनडीए और यूपीए के सदस्यों के संख्याबल को देखते हुए सभी दलों को मिलकर चर्चा करना चाहिए और सबकी सहमति से राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी चुनकर संवाद प्रक्रिया शुरू करनी होगी। मैंने गैर-राजनीतिक नहीं, सर्वसहमति से चुना गया कहा था, जिसे गैर-राजनीतिक के रूप में रिपोर्ट किया गया।"
उल्लेखनीय है कि श्री पवार ने रविवार को कहा था कि राष्ट्रपति के रूप में गैर-राजनीतिक व्यक्ति को आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि ऐसा हुआ, तो यह चुनाव एक आदर्श चुनाव कहलाएगा।
श्री पवार ने कहा था कि यूपीए और एनडीए दोनों के पास ही इतने सदस्य नहीं है कि वे अपने पसंदीदा उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनवा सकें, इसलिए गैर-राजनीतिक व्यक्ति ही इस बार सबसे अच्छी पसंद रहेगा। साथ ही उन्होंने इस बात से भी साफ इनकार किया था कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति के रूप में पीए संगमा का नाम संभावित उम्मीदवार के रूप में पेश किया है।
कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव...
देश के सभी सांसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं और विधानपरिषदों के सदस्य मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। भारत में 776 सांसद हैं, तथा कुल मिलाकर 4,120 विधायक हैं। प्रत्येक सांसद के वोट की कीमत 708 होती है, जबकि प्रत्येक विधायक के वोट की कीमत राज्यों के हिसाब से अलग-अलग होती है। वैसे सभी 4,120 विधायकों के वोटों की कुल कीमत 5,49,474 है, और सभी 776 सांसदों के वोटों की कुल कीमत 5,49,408 है।
                                                                                
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    देश के सभी सांसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं और विधानपरिषदों के सदस्य मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। भारत में 776 सांसद हैं, तथा कुल मिलाकर 4,120 विधायक हैं। प्रत्येक सांसद के वोट की कीमत 708 होती है, जबकि प्रत्येक विधायक के वोट की कीमत राज्यों के हिसाब से अलग-अलग होती है। वैसे सभी 4,120 विधायकों के वोटों की कुल कीमत 5,49,474 है, और सभी 776 सांसदों के वोटों की कुल कीमत 5,49,408 है।
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