उल्फा नेता अनूप चेतिया की फाइल फोटो
गुवाहाटी:
उल्फा महासचिव गोलप बरूआ उर्फ अनूप चेतिया को गुरुवार को गुवाहाटी केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि बुधवार को ही चेतिया को उसके खिलाफ दर्ज चार आखिरी मामलों में जमानत मिल गई थी जिससे उसकी जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। चेतिया के वकील बिजन महाजन ने सीबीआई के जांच अधिकारी को यह कहते हुए उद्धृत किया कि अगर चेतिया को जमानत मिलती है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। जमानत मिलने से पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने केस डायरी का भी अवलोकन किया।
महाजन के अनुसार, गुवाहाटी सेंट्रल जेल में बंद चेतिया को 30,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी गई। वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया, ‘अदालत ने हालांकि इस शर्त पर जमानत दी है कि चेतिया जांच प्रक्रिया में बाधा नहीं डाल सकता और वह अनुमति के बिना विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकता।’
पूर्व में चेतिया को चार में से तीन मामलों में जमानत मिली थी। ये चारों मामले बांग्लादेश से उसके भारत प्रत्यर्पण के बाद दर्ज किए गए थे। मंगलवार को इनमें से एक मामले में चेतिया को अतिरिक्त सत्र जज ने जमानत दे दी थी। उल्फा नेता को 17 दिसंबर को एक विशेष अदालत ने टाडा के दो मामलों में जमानत दी थी ताकि उसके खिलाफ सुनवाई भी शुरू हो और वह जारी शांति प्रक्रिया में हिस्सा भी ले सके।
बांग्लादेश ने चेतिया को भारत के सुपुर्द किया था। सीमा पार घुसपैठ, फर्जी पासपोर्ट रखने और अवैध तरीके से विदेशी मुद्रा अपने पास रखने के आरोप में बांग्लादेश की पुलिस ने चेतिया को 1997 में गिरफ्तार किया था और तब से वह वहां की जेल में बंद था।
गौरतलब है कि बुधवार को ही चेतिया को उसके खिलाफ दर्ज चार आखिरी मामलों में जमानत मिल गई थी जिससे उसकी जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। चेतिया के वकील बिजन महाजन ने सीबीआई के जांच अधिकारी को यह कहते हुए उद्धृत किया कि अगर चेतिया को जमानत मिलती है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। जमानत मिलने से पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने केस डायरी का भी अवलोकन किया।
महाजन के अनुसार, गुवाहाटी सेंट्रल जेल में बंद चेतिया को 30,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी गई। वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया, ‘अदालत ने हालांकि इस शर्त पर जमानत दी है कि चेतिया जांच प्रक्रिया में बाधा नहीं डाल सकता और वह अनुमति के बिना विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकता।’
पूर्व में चेतिया को चार में से तीन मामलों में जमानत मिली थी। ये चारों मामले बांग्लादेश से उसके भारत प्रत्यर्पण के बाद दर्ज किए गए थे। मंगलवार को इनमें से एक मामले में चेतिया को अतिरिक्त सत्र जज ने जमानत दे दी थी। उल्फा नेता को 17 दिसंबर को एक विशेष अदालत ने टाडा के दो मामलों में जमानत दी थी ताकि उसके खिलाफ सुनवाई भी शुरू हो और वह जारी शांति प्रक्रिया में हिस्सा भी ले सके।
बांग्लादेश ने चेतिया को भारत के सुपुर्द किया था। सीमा पार घुसपैठ, फर्जी पासपोर्ट रखने और अवैध तरीके से विदेशी मुद्रा अपने पास रखने के आरोप में बांग्लादेश की पुलिस ने चेतिया को 1997 में गिरफ्तार किया था और तब से वह वहां की जेल में बंद था।
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