
कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने बुधवार को गोहत्या और मवेशी संरक्षण (संशोधन) बिल को विधानसभा में पारित कर लिया. बिल को पटल पर रखे जाने से पहले विधानसभा सचिवालय (Vidhana Soudha) में गायें लाई गईं जहां पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण (Animal Husbandry Minister Prabhu Chavan) ने उनकी पूजा (Puja) की. चव्हाण ने NDTV से बातचीत से बातचीत में कहा, 'यह कर्नाटक के छह करोड़ लोगों और वरिष्ठ नेताओं की कृपा है. मैं यह अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं को धन्यवाद देता हूं. यह पहली बार है कि यहां गौपूजा की गई है.' कर्नाटक बीजेपी (Karnataka BJP) ने एक ट्वीट करके बिल को 'बहुप्रतीक्षित' बताया. ट्वीट में कहा गया है, 'मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में हमारी सरकार अपना एक और वादा पूरा करने की राह पर है '
गुजरात में गोहत्या करने पर अब होगी उम्रकैद, लगेगा 5 लाख रुपये तक का जुर्माना...
Our Government under CM @BSYBJP is on its way to honour yet another of its promise.
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) December 9, 2020
Animal Husbandry Minister @PrabhuChavanBJP tables the much awaited Anti-Cattle Slaughter Bill, "Karnataka Prevention of Slaughter And Preservation of Cattle Act 2020" in the Assembly today. pic.twitter.com/59y3nakd67
कर्नाटक विधानसभा में हंगामे के बीच गो हत्या रोधी विधेयक पारित हुआ बिल के विरोध में कांग्रेस के विधायक सदन की कार्यवाही छोड़कर चले गए. बीजेपी सूत्रों ने कहा कि ''''कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020'''' के तहत राज्य में गो हत्या पर पूर्ण रोक का प्रावधान है. साथ ही गाय की तस्करी, अवैध ढुलाई, अत्याचार एवं गो हत्या में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान है.
कर्नाटक के संसदीय कार्य मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा, '''' हां, विधानसभा में विधेयक पारित हो गया.'''' गाय और बछड़ों के अलावा विधेयक में भैंस एवं उनके बछड़ों के संरक्षण का भी प्रावधान है. आरोपी व्यक्ति के खिलाफ तेज कार्यवाही के लिए विशेष अदालत गठित करने का भी प्रावधान है. विधेयक में गौशाला स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है. साथ ही पुलिस को जांच करने संबंधी शक्ति प्रदान की गई है.
सदन में हंगामे के चलते विधेयक बिना बहस के ही पारित किया गया. इससे पहले, शाम को पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण ने जैसे ही विधेयक पेश किया, विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायक अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए. उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक को पेश करने के संबंध में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में चर्चा नहीं की गई. सिद्धरमैया ने कहा, ''''हमने कल इस बारे में चर्चा की थी कि नए विधेयक पेश नहीं किए जाएंगे. हम इस बात को लेकर सहमत हुए थे कि केवल अध्यादेश पारित किए जाएंगे. अब, उन्होंने (प्रभु चव्हाण) अचानक यह गो हत्या रोधी विधेयक पेश कर दिया.'''' हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े केगेरी ने कहा कि उन्होंने बैठक में यह साफ तौर पर कहा था कि महत्वपूर्ण विधेयक बुधवार और बृहस्पतिवार को पेश किए जाएंगे. इस जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया और बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. (भाषा से भी इनपुट)
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