
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का एक वीडियो मिला है. यह वीडियो यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम के बाहर का है और 4 जनवरी का है. इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) वाले छात्र लेफ्ट विंग के छात्रों से सर्वर रूम चालू करने के लिए झगड़ रहे हैं. दिल्ली पुलिस की एसआईटी के पास भी यह वीडियो आया है. पुलिस वीडियो की जांच कर रही है. पता लगाया जा रहा है कि इसमें कौन-कौन से छात्र, किस-किस विंग के हैं.
वीडियो में दिख रहा है कि मौके पर दो गुट मौजूद हैं जो कि सर्वर रूम के पास आपस मे लड़ रहे हैं. इनमें अचानक एक लड़का मारपीट करता दिख रहा है. एसआईटी इस वीडियो में दिख रहे छात्रों का पता लगा रही है, क्योंकि इसमें कई नकाबपोश भी शामिल हैं.
इससे पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा का एक वीडियो गत शनिवार को सामने आया था. यह पेरियार होस्टल में हमले के पहले का वीडियो है. इसमें कई छात्र हमले की तैयारी कर रहे हैं. वे अपने चेहरे ढंक रहे हैं और डंडे लिए हुए हैं. वीडियो में नीली स्वेटर पहने एक इंस्पेक्टर और वर्दी में कुछ पुलिस वाले भी दिख रहे हैं. पुलिस उग्र छात्रों को रोकते हुई दिख रही है. वर्दी में जो पुलिस कर्मी हैं वे छात्रों को समझाकर उनसे डंडे ले रहे हैं.
JNU हिंसा का एक और वीडियो सामने आया, हमले की तैयारी का है दृश्य
वीडियो में एक छात्र के साथ धक्का-मुक्की हो रही है. वह हाथ जोड़ रहा है. यह वीडियो सही है. इसे पुलिस से वेरीफाई किया है. वीडियो 5 जनवरी को 4 बजे के आसपास का है.
जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की SIT ने 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप की पहचान की है. इस ग्रुप में कुल 60 सदस्य शामिल थे. इस ग्रुप के 37 लोगों की पहचान की जा चुकी है. सूत्रों के मुताबिक इस ग्रुप में करीब 10 ऐसे लोग शामिल थे, जो बाहरी हैं. यानी की हिंसा में शामिल यह लोग कैंपस से संबंध नहीं रखते हैं. जांच के सामने आया है कि दोनों ग्रुप यानी लेफ्ट और राइट ने हिंसा में बाहरी लोगों की मदद ली.
JNU हिंसा मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा- व्हाट्सऐप ग्रुप मेंबर के मोबाइल फोन सीज कीजिए
गौरतलब है दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सऐप और गूगल को JNU हमले के संबंध में पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी उनकी अपनी आंतरिक नीतियों के मुताबिक संरक्षित रखने और उपलब्ध करवाने का मंगलवार को निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने पुलिस से कहा कि वह गवाहों को जल्द से जल्द तलब करे और उन दो Whatsapp ग्रुप्स के सदस्यों के फोन जब्त करे जिन पर 5 जनवरी को JNU में हुई हिंसा का समन्वय किया गया था. कोर्ट ने JNU प्रशासन और परिसर के SBI की ब्रांच को निर्देश जारी किए और कहा कि पुलिस द्वारा मांग गए हमले के CCTV फुटेज वह संरक्षित रखें और जल्द से जल्द उपलब्ध करवाएं. यह निर्देश जारी करते हुए कोर्ट ने JNU के प्रोफेसर अमित परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत की ओर से दायर याचिका का निबटारा कर दिया.
JNU हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच ने छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत नौ से की पूछताछ
याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को पांच जनवरी के JNU हमले से संबंधित डेटा, CCTV फुटेज और अन्य साक्ष्य संरक्षित रखने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. आदेश आने से पहले Google ने अपनी दलीलों में अदालत से कहा था कि अगर पुलिस उसे दो वॉट्सऐप समूहों 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' और 'फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस' के सदस्यों की जानकारी दे, Email आईडी आदि दे तो वह पता लगा सकती है कि चैट हिस्ट्री का बैकअप गूगल ड्राइव पर हुआ है या नहीं. अगर बैकअप है तो उसे स्टोर करके जांच एजेंसी को उपलब्ध करवाया जा सकता है.
VIDEO : गूगल और व्हाट्सऐप को डेटा सुरक्षित रखने का आदेश
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