बीफ बैन के मुद्दे पर मेघालय बीजेपी में एक और इस्तीफा (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:
मेघालय में बीजेपी को एक और झटका लगा है. बीफ बैन के मुद्दे पर राज्य में एक हफ्ते के भीतर पार्टी के दूसरे बड़े नेता बच्चू मारक ने इस्तीफा दे दिया है. कुछ ही दिन पहले वेस्ट गारो हिल्स में पार्टी के जिला अध्यक्ष बर्नाड मारक ने भी बीफ़ बैन के मुद्दे पर इस्तीफ़ा दे दिया था.
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बाचू ने कहा, ‘‘मैं गारो की भावनाओं से समझौता नहीं कर सकता. एक गारो के नाते यह मेरा दायित्व है कि अपने समुदाय के हित की रक्षा करूं. बीफ खाना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है. भाजपा का गैर-धर्मनिरपेक्ष विचारधारा हमपर थोपना स्वीकार्य नहीं है.’’ उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिबून लिंगदोह को सौंप दिया.
उधर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मेघालय के प्रभारी नलिन कोहली ने कि उनके ख़िलाफ़ पहले ही कार्रवाई चल रही थी। कोहली ने एक लिखित बयान में कहा, "हमें इसका पहले से अंदाज़ा था क्योंकि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी थी. ये लोग अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हमारे संभावित उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाने की साज़िश में लगे थे. नलिन कोहली इसके लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि कांग्रेस ने कहा कि ये बीजेपी की नाकामी है.
बच्चू मरक ने अपना इस्तीफ़ा राज्य में पार्टी अध्यक्ष शिबुन लिंगदोह को सौंप दिया है. दरअसल, बच्चू ने कुछ दिन पहले मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने की खुशी में गारो हिल्स में बीफ़ पार्टी आयोजित करने को लेकर पोस्ट डाला था, जिसकी वजह से पार्टी के बड़े नेताओं के निशाने पर थे. दरअसल मेघालय में 2018 में विधानसभा चुनाव होने हैं और उत्तर पूर्व के इस राज्य में सत्ता पाने के कोशिश में जुटी बीजेपी के लिए इन नेताओं के इस्तीफ़े किसी झटके से कम नहीं हैं.
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बाचू ने कहा, ‘‘मैं गारो की भावनाओं से समझौता नहीं कर सकता. एक गारो के नाते यह मेरा दायित्व है कि अपने समुदाय के हित की रक्षा करूं. बीफ खाना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है. भाजपा का गैर-धर्मनिरपेक्ष विचारधारा हमपर थोपना स्वीकार्य नहीं है.’’ उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिबून लिंगदोह को सौंप दिया.
उधर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मेघालय के प्रभारी नलिन कोहली ने कि उनके ख़िलाफ़ पहले ही कार्रवाई चल रही थी। कोहली ने एक लिखित बयान में कहा, "हमें इसका पहले से अंदाज़ा था क्योंकि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी थी. ये लोग अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हमारे संभावित उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाने की साज़िश में लगे थे. नलिन कोहली इसके लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि कांग्रेस ने कहा कि ये बीजेपी की नाकामी है.
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