आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार (Jagan Mohan Reddy government) को आज बड़ा झटका लगा. आंध्र पदेश के हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने एन. रमेश कुमार (Nimmagadda Ramesh Kumar) को राज्य चुनाव आयुक्त के पद पर बहाल करने का आदेश दिया. अदालत के आदेश में तमिलनाडु से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति वी कानागराजू (Retired Justice V Kanagaraju) की नियुक्ति को खारिज कर दिया गया है, इस राज्य की जगनमोहन रेड्डी सरकार के लिए बड़ा झटके के तौर पर देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयुक्त (SEC) के कार्यकाल को पांच से तीन साल तक कम करने के लिए पंचायत राज अधिनियम में संशोधन के लिए भी अध्यादेश (Ordinance) पारित किया था, इसे भी खारिज कर दिया गया है.
वाईएसआर कांग्रेस की सरकार ने विवादित परिस्थितियों में एन. रमेश को उस समय हटा दिया था, जब उन्होंने राज्य में कोरोना वायरस का प्रकोप के कारण स्थानीय निकाय के चुनावों को छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था. कोर्ट ने नए राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में मद्रास हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी कानागराज की नियुक्ति के सरकारी आदेश को भी खारिज कर दिया. अदालत ने राज्य चुनाव आयुक्त (SEC) के रूप में सेवानिवृत्त नौकरशाह एन. रमेश कुमार की बहाली के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति कानागराज ने 11 अप्रैल को एसईसी के रूप में कार्यभार संभाला था.
अदालत में रमेश कुमार की याचिका समेत कई रिट याचिकाएं दाखिल करके अध्यादेश और नए राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील जे. रवि शंकर ने बताया कि अदालत ने इन याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास एसईसी के कार्यकाल में कटौती करने का अधिकार नहीं हैं और उसने नए एसईसी की नियुक्ति को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अदालत ने इस संबंध में याचिकाकर्ताओं की सभी दलीलों पर विचार किया.(भाषा से भी इनपुट)
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