विज्ञापन
This Article is From Mar 14, 2025

सोने से जड़ा, संगमरमर से सजा... चर्चा में एक और पूर्व सीएम का 'शीशमहल', 500 करोड़ की अधिक लागत से है बना

टीडीपी का दावा है कि इस परियोजना को इसके विकास के विभिन्न चरणों में विभिन्न अवतारों में पेश किया गया था - एक स्टार होटल, फिर एक मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय और फिर एक पर्यटन परियोजना.

सोने से जड़ा, संगमरमर से सजा... चर्चा में एक और पूर्व सीएम का 'शीशमहल', 500 करोड़ की अधिक लागत से है बना
हैदराबाद:

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का "शीशमहल", पिछले महीने हुए दिल्ली चुनावों में काफी चर्चाओं में रहा था. जिसे अब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के लिए बनाए गए घर से कड़ी टक्कर मिल रही है. रुशिकोंडा पहाड़ी पर विशाखापत्तनम के समुद्र के सामने स्थित इस हवेली के एक वीडियो में वो भव्यता दिखाई देती है, जो मुख्यमंत्रियों के आवासों पर शायद ही कभी देखने को मिली हो. 

आलचकों का कहना है कि यह आंध्र प्रदेश का शीशमहल है. समुद्र के सामने स्थित इस हवेली में 10 एकड़ के हिस्से में फैले चार विशाल ब्लॉक हैं. रुशिकोंडा में स्थित इस हवेली के बारे में चंद्रबाबू नायडू की सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी का दावा है कि इसे शुरू में रेड्डी के लिए एक कैंप ऑफिस के रूप में बनाया गया था. इसमें सोने की सजावट, इतालवी संगमरमर के फर्श और आलीशान साज-सज्जा, चमचमाते झूमर, बाथटब हैं. 

इसके चौंका देने वाले बुनियादी ढांचे में पक्की सड़कें और जल निकासी प्रणाली, थोक जल आपूर्ति और 100 केवी बिजली सबस्टेशन भी शामिल हैं. दिल्ली की तरह ही आंध्र प्रदेश की नई सरकार भी इस बात को लेकर असमंजस में है कि इस इमारत का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है.

टीडीपी का दावा है कि इस परियोजना को इसके विकास के विभिन्न चरणों में विभिन्न अवतारों में पेश किया गया था - एक स्टार होटल, फिर एक मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय और फिर एक पर्यटन परियोजना. जबकि इसे मई 2021 में केंद्र सरकार से CRZ (तटीय नियामक क्षेत्र) की मंजूरी मिल गई थी, ऐसे आरोप हैं कि इसके निर्माण के लिए रुशिकोंडा पहाड़ी का आधा हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया है. 

मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय के रूप में पेश किए जाने से पहले, इसे 91 करोड़ रुपये के बजट के साथ एक स्टार होटल के रूप में लॉन्च किया गया था. टीडीपी ने दावा किया है कि इसके पूरा होने तक कुल लागत 500 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. मुख्यमंत्री नायडू ने अब इमारत के उपयोग पर बहस का आह्वान किया है और इसे जनता के लिए खोल दिया है.

उन्होंने कहा, "यह एक केस स्टडी है कि कैसे पूर्व मुख्यमंत्री ने अदालतों को धोखा दिया, पर्यावरण उल्लंघन किया और एक शानदार जीवन जीने के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया. राजनीति में ऐसे नेताओं के अस्तित्व पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता है, और क्या हमें वास्तव में उनकी आवश्यकता है."

चंद्रबाबू नायडू ने कहा, "अभी तक, मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इमारतों का इस्तेमाल कैसे किया जाए और उनसे सरकार को राजस्व कैसे प्राप्त होगा. ये संरचनाएं पर्यटन विभाग के लिए व्यवहार्य नहीं हैं. जल्द ही एक निर्णय लिया जाएगा."

यहां आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल का सरकारी आवास सिविल लाइंस में स्थित है. हाल ही में हुए दिल्ली चुनावों में बीजेपी ने इसे शीशमहल बनाए जाने का मुद्दा उठाया था और इसके बाद केजरीवाल की पार्टी को कड़ी हार का सामना करना पड़ा. जानकारी के मुताबिक इसके रेनोवेशन में 33 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि शुरुआती अनुमान था कि इसमें 7.9 करोड़ रुपये खर्च होंगे. लेकिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, इसके साज-सज्जा को ध्यान में रखने पर लागत में भारी वृद्धि हुई थी. 

भाजपा के वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया है कि, "अगर बंगले में मौजूद सामानों की सूची पर विचार किया जाए तो वास्तविक लागत 75-80 करोड़ रुपये तक पहुंचती है."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com