आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने अदाणी समूह के साथ कथित डील के आरोप को लेकर गलत खबर प्रकाशित करने के लिए ईनाडु ग्रुप को लीगल नोटिस भेजा है. इसके साथ ही 'आंध्रज्योति' प्रकाशन को भी कानूनी नोटिस भेजकर बिना शर्त माफी मांगने को कहा है. नोटिस में कहा गया है कि प्रकाशन ने अदाणी समूह के संबंध में अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा शुरू की गई कानूनी कार्यवाही के संबंध में उनके बारे में अपमानजनक, झूठी और निंदनीय रिपोर्ट फैलाई. नोटिस ने इन दावों को झूठा बताते हुए दृढ़ता से खारिज कर दिया गया है और अखबार पर वाईएसआरसीपी अध्यक्ष के बारे में दुर्भावनापूर्ण और भ्रामक जानकारी प्रसारित करने का आरोप लगाया गया है.
नोटिस में क्या कहा गया
जगन मोहन रेड्डी के वकील की तरफ से भेजे नोटिस में कहा गया है, 'अमेरिका में न्यायिक कार्यवाही से लिए गए कथित आक्षेप और अन्य आरोपों का स्पष्ट उद्देश्य एक व्यक्ति के रूप में और वाईएसआरसीपी के रूप में राजनीतिक दल के प्रमुख के रूप में मेरे मुवक्किल की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाना और 2019 से 2024 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मेरे मुवक्किल के कामकाज को खराब करना है.' नोटिस में अदाणी समूह को किस तरह ये टेंडर दिया गया, ये विस्तार से बताया गया है. साथ ही तत्काल सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की गई है. इसके साथ ही माफीनामे को अखबार के पहले पेज पर प्रकाशित करने को भी कहा गया है.
कल ही बता दिया था
दरअसल, कल ही जगन मोहन ने बता दिया था कि वो इन दोनों मीडिया संस्थानों पर गलत खबरें प्रकाशित करने के लिए लीगल नोटिस भेजेंगे. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने 2021 में एक बिजली सौदे से जुड़े रिश्वतखोरी के अमेरिकी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी से मुलाकात की थी, लेकिन बिजली सौदे से उनका कोई कनेक्शन नहीं है. NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में जगन मोहन रेड्डी ने कहा था, "आंध्र प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने सिर्फ अदाणी ही नहीं, बल्कि कई उद्योगपतियों से मुलाकात की थी. ऐसा निवेश के मकसद से किया गया था. मेरी समझ में ये बतौर मुख्यमंत्री मेरी ड्यूटी का हिस्सा था."
मुलाकात पर ये कहा
रेड्डी ने कहा, "2019 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से मैंने कई टॉप बिजनेसमैन से मुलाकात की है. उनमें गौतम अदाणी भी शामिल थे. घूस के मामले में मेरे नाम का कहीं भी जिक्र नहीं है. जो भी खबरें रिपोर्ट हुईं हैं, वो सब अफवाहें हैं. मैंने अपनी तरफ से जितनी जानकारी जुटाई है, उसमें कभी भी मेरा नाम नहीं लिखा है. इसमें सिर्फ एक फैक्ट सही है कि गौतम अदाणी के साथ मैंने मुलाकात की थी. उसके बाद ही पावर सेल एग्रीमेंट हुआ. अदाणी के साथ अगस्त 2021 में हुई मीटिंग और दिसंबर 2021 में साइन की गई पावर डील के बीच कोई कनेक्शन नहीं है."
'उद्योगपतियों से मुलाकात कर्तव्य'
जगन मोहन ने आगे कहा, "मैं 2019 से अपने कार्यकाल के आखिर तक गौतम अदाणी से कम से कम 5-6 बार मिल चुका हूं. इनमें से सिर्फ अगस्त 2021 की बात ही क्यों की जा रही है? अगस्त के बाद भी निवेश के मकसद से मेरी अदाणी ग्रुप के चेयरमैन से मीटिंग हो चुकी है. अगस्त से पहले भी मैं कई बार उनसे मिल चुका हूं. सिर्फ अदाणी ही नहीं, मैंने उनके अलावा और भी कई नामी उद्योगपतियों से मुलाकात की है. मेरा मानना है कि यह मुख्यमंत्री के कर्तव्यों में से एक है."
कारोबारी किससे मिलेंगे?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर कोई आंध्र प्रदेश में आकर निवेश करना चाहता है, तो वह CM से मिलेगा ना... इसमें बुराई क्या है? कोई भी कारोबारी निवेश करने से पहले CM से मिलकर इस बात की तसल्ली जरूर करना चाहेगा कि जहां वह निवेश करने जा रहे हैं, वहां कितनी सेफ्टी है? कितना रिटर्न मिलेगा? यही वजह है कि हर राज्य कॉम्पिटिशन कर रहा है और इंडस्ट्रियल समिट ऑर्गनाइज कर रहा है."
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