Andhra Pradesh High Court : आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने आज कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णयों को लेकर सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट (Defamatory Remarks On Judgments) की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की जाएगी. अदालत ने राज्य की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 49 नेताओं और कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है.
न्यायमूर्ति राकेश कुमार और न्यायमूर्ति जे उमा देवी की पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए. सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की जांच पर नाराजगी जताई और कहा कि वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ मामला सिर्फ इसलिए दर्ज नहीं किया गया, ताकि उन्हें बचाया जा सके.
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इसका आदेश मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश से शिकायत करने के कुछ दिनों बाद आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और चार अन्य न्यायाधीश उनकी चुनी हुई सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे.
उच्च न्यायालय ने आज कहा कि सीबीआई को उन सभी के खिलाफ मामले दर्ज करने चाहिए जिन्होंने जजों की निंदा की है. यह दावा करते हुए कि उच्च न्यायालय के निर्णय सोशल मीडिया पोस्ट में "गलत तरीके से प्रस्तुत किए गए" थे, न्यायाधीशों ने सरकार को सीबीआई के साथ सहयोग करने के लिए कहा.
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अपने निर्णयों के खिलाफ सोशल मीडिया पर "आपत्तिजनक टिप्पणियों" का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि यह न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहा है.
सीएम जगनमोहन ने हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायाधीश के बारे में यह दावा करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे से शिकायत की थी कि वह राज्य की चुनी हुई सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे. जगनमोहन रेड्डी ने अपने पत्र में कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी की ओर से काम कर रहे थे और यह कि वह इसके प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बहुत करीब थे. (इनपुट भाषा से भी)
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