एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के बाद पार्टी के एक अन्य नेता डीपी त्रिपाठी ने भी कहा कि जब अदालत का फैसला हर मामले में मान लिया जाता है तो नरेंद्र मोदी मामले में अपवाद क्यों? लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। ऐसे में एनडीटीवी के अभिज्ञान प्रकाश की एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी से बातचीत...
अभिज्ञान : प्रफुल्ल पटेल का बयान, डीपी त्रिपाठी साहब, क्या उसी दिशा में देखा जाए कि जहाज़ डूब रहा है इसलिए प्रफुल्ल पटेल ने कहा मोदी जी के मसले पर कि कुछ अदालत की तरफ से आया नहीं, इसको रेस्ट करने दीजिए. इस मसले को बार-बार छेड़ने की ज़रूरत नहीं है।
डीपी त्रिपाठी : प्रफुल्ल पटेल साहब ने कुछ ग़लत तो नहीं कहा है. जब अदालत का फ़ैसला हर मामले में मान लिया जाता है तो इसी मामले में अपवाद क्यों किया जाए. ये मेरी समझ में नहीं आता. मैं एक बात आगे बढ़कर कहना चाहता हूं, जब कभी दंगे होते हैं, विभेद होता है तो उन ज़ख़्मों को हरा करने की बार−बार ज़रूरत नहीं होती. उनको कुरेदने की ज़रूरत नहीं होती. उसे भुलाने की कोशिश करनी चाहिए. लोगों में एकता के सूत्र और ज़्यादा मज़बूत हो सके, इसकी कोशिश करनी चाहिए. ये हमेशा से समाज का नियम रहा है।
मैं राजनीति की बात नहीं कर रहा हूं यहां...
डीपी त्रिपाठी : हम यूपीए के एक ज़िम्मेदार घटक दल हैं और चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी से कि वह गठबंधन का समुचित सम्मान करे और जिस तरह से गठबंधन चलाया जाता है, उस राजनीतिक धर्म का पालन करे।
अभिज्ञान : जी, कांग्रेस ने हमेशा आपका सम्मान किया है?
डीपी त्रिपाठी : परस्पर हम साथ में हैं गठबंधन में हैं. 10 वर्ष हो गए, 15 वर्ष होने वाले हैं महाराष्ट्र में साथ−साथ सरकार चलाते हुए. लेकिन जैसे हमारी पार्टी ने बहुत मांग की तब जाकर समन्वय समिति बनी यूपीए की. कॉर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग ही नहीं होती है. हम कहते हैं यूपीए मज़बूत होगा अगर कॉर्डिनेशन कमेटी में तमाम मसलों पर विचार−विमर्श करके एक लाइन तय की जाए. कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक नहीं होती तो समन्वय कैसे होगा।
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