अमृतसर:
पंजाब में अमृतसर के पास एनकाउंट में एक अकाली नेता की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, गलत पहचान और नाकेबंदी के दौरान कार से फायरिंग के बाद उसने बचाव में गोली चलाई, जोकि अकाली नेता को जा लगी। वह तो एक गैंगस्टर को पकड़ने के चक्कर में नाका लगाए खड़ी थी। वहीं, अकाली नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने अकाली नेता की हत्या जान-बूझकर की है। एनकाउंट की एसआईटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जिसमें चंडीगढ़ के तेज-तर्रार पुलिस अफसरों को जांच में लगाया गया है। जांच के लिए टीम चंडीगढ़ से रवाना हो चुकी है।
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर जेएस ओलख ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि एक खूंखार गैंगस्टर जग्गू अपनी आई-20 कार से मंगवार शाम अमृतसर के निकट मुधल गांव के पास से गुजरने वाला है। सूचना के आधार पर धरपकड़ के लिए नाका लगाया गया। पुलिस टीम ने बिना नंबर प्लेट के आ रही एक कार को देखा। इससे पहले की पुलिस टीम कार को रूकने के लिए कहती, उसमें बैठे एक शख्स ने रिवाल्वर से हवलदार राजेश कुमार को गोली मार दी। पुलिस टीम ने बचाव में गोलीबारी की, जिसमें एक शख्स को गोली लग गई। मृतक की पहचान मुखजीत सिंह उर्फ मोखा के रूप में हुई, जोकि शिरोमणि अकाली दल (बादल) का वेरका, वार्ड अध्यक्ष थे।
कमिश्नर ने आगे बताया कि पुलिस जग्गू को पकड़ना चाहती थी, न कि मोखा को। उन्हें गलती से गोली लगी, क्योंकि वे बिना रजिस्ट्रेशन नंबर लगी कार में आ रहे थे और उन्होंने पुलिस टीम पर फायर किया। संदेह के कारण यह हादसा हुआ। कुछ समय पूर्व ही जग्गू ने एक अन्य गैंगसटर सोनू कंगला को पुलिस हिरासत में भगाने में मदद की थी। इस दौरान उसे कोर्ट में पेशी के बाद निजी वाहन के जरिए नाबह जेल ले जाया जा रहा था।
वहीं, पुलिस कमिश्नर के बयान को खारिज करते हुए शिअद के जिला प्रमुख उपकार सिंह संधू ने आरोप लगाते हुए यह एक पूर्व नियोजित मर्डर था। पुलिस की कहानी मनगढ़ंत है। मोखा एक समर्पित अकाली कार्यकर्ता था और बुधवार से शुरू होने वाले यूथ अकाली दल सदस्यता अभियान की तैयारी करने के लिए वह अपनी कार से मोदुहल गांव जा रहे थे। उन्होंने मोखा के बिना नंबर प्लेट लगी कार में जाने के पुलिसिया आरोप से भी इंकार किया। उन्होंने आगे कहा, हमने स्थानीय लोगों से पूछताछ की तो पला लगा कि पुलिस ने मोखा को मारने के बाद नंबर प्लेट हटाई थी। उन्होंने कहा कि इस घटना में आरोपी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर उन्हें हटाए जाने की मांग करेंगे।
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर जेएस ओलख ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि एक खूंखार गैंगस्टर जग्गू अपनी आई-20 कार से मंगवार शाम अमृतसर के निकट मुधल गांव के पास से गुजरने वाला है। सूचना के आधार पर धरपकड़ के लिए नाका लगाया गया। पुलिस टीम ने बिना नंबर प्लेट के आ रही एक कार को देखा। इससे पहले की पुलिस टीम कार को रूकने के लिए कहती, उसमें बैठे एक शख्स ने रिवाल्वर से हवलदार राजेश कुमार को गोली मार दी। पुलिस टीम ने बचाव में गोलीबारी की, जिसमें एक शख्स को गोली लग गई। मृतक की पहचान मुखजीत सिंह उर्फ मोखा के रूप में हुई, जोकि शिरोमणि अकाली दल (बादल) का वेरका, वार्ड अध्यक्ष थे।
कमिश्नर ने आगे बताया कि पुलिस जग्गू को पकड़ना चाहती थी, न कि मोखा को। उन्हें गलती से गोली लगी, क्योंकि वे बिना रजिस्ट्रेशन नंबर लगी कार में आ रहे थे और उन्होंने पुलिस टीम पर फायर किया। संदेह के कारण यह हादसा हुआ। कुछ समय पूर्व ही जग्गू ने एक अन्य गैंगसटर सोनू कंगला को पुलिस हिरासत में भगाने में मदद की थी। इस दौरान उसे कोर्ट में पेशी के बाद निजी वाहन के जरिए नाबह जेल ले जाया जा रहा था।
वहीं, पुलिस कमिश्नर के बयान को खारिज करते हुए शिअद के जिला प्रमुख उपकार सिंह संधू ने आरोप लगाते हुए यह एक पूर्व नियोजित मर्डर था। पुलिस की कहानी मनगढ़ंत है। मोखा एक समर्पित अकाली कार्यकर्ता था और बुधवार से शुरू होने वाले यूथ अकाली दल सदस्यता अभियान की तैयारी करने के लिए वह अपनी कार से मोदुहल गांव जा रहे थे। उन्होंने मोखा के बिना नंबर प्लेट लगी कार में जाने के पुलिसिया आरोप से भी इंकार किया। उन्होंने आगे कहा, हमने स्थानीय लोगों से पूछताछ की तो पला लगा कि पुलिस ने मोखा को मारने के बाद नंबर प्लेट हटाई थी। उन्होंने कहा कि इस घटना में आरोपी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर उन्हें हटाए जाने की मांग करेंगे।
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