एम्स की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कैंसर और हृदय रोगों के इलाज के खर्च को कम करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एम्स में देश का पहला अमृत आउटलेट शुरू किया जो बहुत ही रियायती दर पर दवाएं बेचेगा। भारत में ये रोग बढ़ रहे हैं।
नड्डा ने कहा, 'अमृत (उपचार के लिए किफायती दवाएं एवं भरोसेमंद प्रत्यारोपण) कार्यक्रम के तहत हम किफायती दर पर दवाइयां देना चाहते हैं। हमने कैंसर और हृदय रोगों की 202 दवाइयों की पहचान की है, जहां कीमतें औसतन 60 से 90 फीसदी तक कम होने जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से 148 'कार्डियक इंप्लांट' केंद्र से दिया जाएगा और उनकी कीमत 50 से 60 फीसदी कम होगी। यह एक पायलट परियोजना है, जिसे हमने एम्स में शुरू किया है। 15 दिनों के बाद हम कार्यक्रम की समीक्षा करने जा रहे हैं और आने वाले समय में हम केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में इसे दोहराने की कोशिश करेंगे।
भारत सरकार के एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) को स्थापित किया जाएगा और अमृत औषधालय चलाया जाएगा, जो बाजार दर पर काफी छूट के साथ दवाइयां और उपकरण बेचेगा। यह न सिर्फ एम्स के चिकित्सकों बल्कि अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों द्वारा भी रोगियों को दी गई सलाह पर आधारित होगा।
एम्स के निदेशक एमसी मिश्रा ने बताया कि अमृत औषधालय केमोथेरेपी के लिए 'डोसेटाक्सेल 120 एमजी' 93 प्रतिशत छूट के साथ 888.75 रुपये में बेचेगा जिसका अधिकतम खुदरा मूल्य 13,440 रुपया है।
आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल साल लाख लोगों के कैंसर पीड़ित होने का पता चलता है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक 28 लाख लोगों को कभी भी कैंसर हो सकता है और पांच लाख लोग हर साल इस रोग से मरते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में सालाना 1, 45, 000 महिलाओं में स्तन कैंसर होने का पता चलता है। मिश्रा ने बताया कि स्तन कैंसर की दवा का एक कोर्स 75,000 रुपये का होता है। रोगी को इसका 17 कोर्स लेने की जरूरत होती है।
नड्डा ने जेनेरिक मेडिसिन स्टोर का भी दौरा किया और कहा कि केंद्र सरकार उस हर सरकारी अस्पताल में इसे खोलने की योजना बना रही है, जहां डॉक्टर बांड्रेड दवाइयां लिखते हैं। डॉ मिश्रा ने बताया कि नागरिक विमानन महानिदेशक ने मेडिकल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और एंबुलेंस उतारने को लेकर एम्स ट्रॉमा सेंटर भवन के लिए हेलीपैड बनाने की मंजूरी दे दी है। यह हेलीपैड एम्स के नवनिर्मित रैन बसेरा की छत पर बनाया जाएगा।
नड्डा ने कहा, 'अमृत (उपचार के लिए किफायती दवाएं एवं भरोसेमंद प्रत्यारोपण) कार्यक्रम के तहत हम किफायती दर पर दवाइयां देना चाहते हैं। हमने कैंसर और हृदय रोगों की 202 दवाइयों की पहचान की है, जहां कीमतें औसतन 60 से 90 फीसदी तक कम होने जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से 148 'कार्डियक इंप्लांट' केंद्र से दिया जाएगा और उनकी कीमत 50 से 60 फीसदी कम होगी। यह एक पायलट परियोजना है, जिसे हमने एम्स में शुरू किया है। 15 दिनों के बाद हम कार्यक्रम की समीक्षा करने जा रहे हैं और आने वाले समय में हम केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में इसे दोहराने की कोशिश करेंगे।
भारत सरकार के एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) को स्थापित किया जाएगा और अमृत औषधालय चलाया जाएगा, जो बाजार दर पर काफी छूट के साथ दवाइयां और उपकरण बेचेगा। यह न सिर्फ एम्स के चिकित्सकों बल्कि अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों द्वारा भी रोगियों को दी गई सलाह पर आधारित होगा।
एम्स के निदेशक एमसी मिश्रा ने बताया कि अमृत औषधालय केमोथेरेपी के लिए 'डोसेटाक्सेल 120 एमजी' 93 प्रतिशत छूट के साथ 888.75 रुपये में बेचेगा जिसका अधिकतम खुदरा मूल्य 13,440 रुपया है।
आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल साल लाख लोगों के कैंसर पीड़ित होने का पता चलता है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक 28 लाख लोगों को कभी भी कैंसर हो सकता है और पांच लाख लोग हर साल इस रोग से मरते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में सालाना 1, 45, 000 महिलाओं में स्तन कैंसर होने का पता चलता है। मिश्रा ने बताया कि स्तन कैंसर की दवा का एक कोर्स 75,000 रुपये का होता है। रोगी को इसका 17 कोर्स लेने की जरूरत होती है।
नड्डा ने जेनेरिक मेडिसिन स्टोर का भी दौरा किया और कहा कि केंद्र सरकार उस हर सरकारी अस्पताल में इसे खोलने की योजना बना रही है, जहां डॉक्टर बांड्रेड दवाइयां लिखते हैं। डॉ मिश्रा ने बताया कि नागरिक विमानन महानिदेशक ने मेडिकल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और एंबुलेंस उतारने को लेकर एम्स ट्रॉमा सेंटर भवन के लिए हेलीपैड बनाने की मंजूरी दे दी है। यह हेलीपैड एम्स के नवनिर्मित रैन बसेरा की छत पर बनाया जाएगा।
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