आम्रपाली बिल्डर के अधूरे प्रोजेक्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से NBCC को 500 करोड़ रुपये का फंड देने और जीएसटी में 1000 करोड़ की रियायत देने पर विचार करने को कहा. प्रोजेक्ट पूरे करने का ज़िम्मा NBCC को सौंपा गया है.
सुप्रीम कोर्ट में आज आम्रपाली की संपत्तियों की बिक्री से फंड जुटाने पर भी चर्चा हुई. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट को जानकारी दी कि वित्तीय सलाहकार कंपनी जेपी मॉर्गन के खातों में 187 करोड़ रुपये मिले हैं जो आम्रपाली में हुए गबन से जुड़े हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को मामले में संपत्ति जब्त करने जैसी आगे की कार्रवाई की इजाज़त दी. सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करेगा.
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने ED को कंपनी के डायरेक्टर शिव प्रिया, अनिल शर्मा, और अजय शर्मा को कस्टडी में लेकर उनसे पूछताछ करने की इजाजत दे दी था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि ED पहले इन्हें कस्टडी में लेकर पूछताछ करे और जैसे ही मामले से जुड़ी पूछताछ पूरी हो जाए तो इन्हें मंडौली जेल में शिफ्ट कर दिया जाए. इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई अहम निर्देश भी दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने भुवनेश्वर ऑथरिटी, रायपुर ऑथरिटी, रॉयल गोल्फ, कॉरपोरेशन बैंक को 3 से 6 हफ्ते में बकाया राशि जमा करने को कहा था. कोर्ट ने NBCC को भी कंस्ट्रक्शन काम में तेजी लाने को कहा था. NBCC को 61 करोड़ के अलावा 40 करोड़ और देने को कहा गया था. साथ ही सभी सात प्रोजेक्टों के टेंडर जारी करने के साथ इन पर काम भी शुरू करने को कहा गया था.
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