नई दिल्ली:
अगर सब कुछ कांग्रेस के मन मुताबिक रहा तो पार्टी आज अलग तेलंगाना राज्य के फ़ैसले पर औपचारिक मुहर लगा देगी। काफ़ी ना नुकुर के बाद कांग्रेस इस नाज़ुक मसले पर इस फ़ैसले तक पहुंची है।
कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक फ़ैसला होगा जो एक समस्या के हल के साथ कई दूसरी समस्याएं भी शुरू कर सकता है।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि यूपीए सरकार अलग तेलंगाना राज्य पर मंगलवार को अपनी औपचारिक मुहर लगा देगी। सूत्र बता रहे हैं कि राज्य का गठन अगले वर्ष 2014 के आरंभ में किया जाएगा। इस सिलसिले में मंगलवार को यूपीए की समन्वय समिति की बैठक होगी। इस बैठक के बाद अलग तेलंगाना राज्य की घोषणा की जा सकती है।
मंगलवार को ही कांग्रेस कायर्समिति की भी बैठक इस मुद्दे पर होनी है। शाम चार बजे यूपीए समन्वय समिति की बैठक होगी और साढ़े पांच बजे कांग्रेस कार्य समिति की। तेलंगाना के मौजूदा प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और टीआरएस दोनों के भीतर अपने−अपने ऐतराज भी हैं। इन सब पर शायद मंगलवार की बैठक में विचार हो।
खास बात है कि आंध्र प्रदेश से कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं ने केंद्रीय नेताओं के इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज कराया है। इन नेताओं का कहना है कि उन्हें राज्य का बंटवारा अस्वीकार्य है।
पिछले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ तमाम नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा कर अंतिम निर्णय ले लिया था। कहा जा रहा था कि इस बैठक में सोनिया गांधी ने तेलंगाना को अलग राज्य बनाने के मुद्दे पर सहमति जता दी थी।
कहा जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार के प्रमुख सीएम किरण कुमार रेड्डी ने कहा है कि वह राज्य के बारे में लिए गए इस फैसले का समर्थन नहीं कर सकते क्योंकि इससे राज्य के दोनों हिस्सों में राजनैतिक तनाव व्याप्त हो जाएगा।
(इनपुट एऩडीटीवीडॉटकॉम से भी)
कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक फ़ैसला होगा जो एक समस्या के हल के साथ कई दूसरी समस्याएं भी शुरू कर सकता है।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि यूपीए सरकार अलग तेलंगाना राज्य पर मंगलवार को अपनी औपचारिक मुहर लगा देगी। सूत्र बता रहे हैं कि राज्य का गठन अगले वर्ष 2014 के आरंभ में किया जाएगा। इस सिलसिले में मंगलवार को यूपीए की समन्वय समिति की बैठक होगी। इस बैठक के बाद अलग तेलंगाना राज्य की घोषणा की जा सकती है।
मंगलवार को ही कांग्रेस कायर्समिति की भी बैठक इस मुद्दे पर होनी है। शाम चार बजे यूपीए समन्वय समिति की बैठक होगी और साढ़े पांच बजे कांग्रेस कार्य समिति की। तेलंगाना के मौजूदा प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और टीआरएस दोनों के भीतर अपने−अपने ऐतराज भी हैं। इन सब पर शायद मंगलवार की बैठक में विचार हो।
खास बात है कि आंध्र प्रदेश से कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं ने केंद्रीय नेताओं के इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज कराया है। इन नेताओं का कहना है कि उन्हें राज्य का बंटवारा अस्वीकार्य है।
पिछले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ तमाम नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा कर अंतिम निर्णय ले लिया था। कहा जा रहा था कि इस बैठक में सोनिया गांधी ने तेलंगाना को अलग राज्य बनाने के मुद्दे पर सहमति जता दी थी।
कहा जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार के प्रमुख सीएम किरण कुमार रेड्डी ने कहा है कि वह राज्य के बारे में लिए गए इस फैसले का समर्थन नहीं कर सकते क्योंकि इससे राज्य के दोनों हिस्सों में राजनैतिक तनाव व्याप्त हो जाएगा।
(इनपुट एऩडीटीवीडॉटकॉम से भी)
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