
- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार किसी दबाव में नहीं बल्कि स्वेच्छा से होना चाहिए.
- संघ प्रमुख का बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का एक्स्ट्रा 25 पर्सेंट टैरिफ लागू होने के कुछ घंटे बाद आया है.
- भागवत ने भारत को आत्मनिर्भर बनने और ऐसी चुनौतियों से मुकाबले के लिए स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया.
अमेरिका द्वारा भारत पर थोपे गए 50% टैरिफ के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सख्त संदेश देते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार किसी दबाव में नहीं बल्कि स्वेच्छा से होना चाहिए. उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनने और इस तरह की चुनौतियों का मुकाबले करने के लिए स्वदेशी अपनाने पर भी जोर दिया.
आरएसएस के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित व्याख्यानमाला कार्यक्रम '100 वर्ष की संघ यात्रा: नए क्षितिज' के दूसरे दिन बुधवार को मोहन भागवत ने कहा कि वैश्विक व्यापार में दबाव के बावजूद भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा. लेकिन आत्मनिर्भरता का मतलब दूसरों से रिश्ते पूरी तरह खत्म करना नहीं हो सकता. अंतरराष्ट्रीय व्यापार भी जरूरी है.
भागवत ने आत्मनिर्भरता को सब बातों की कुंजी बताते हुए कहा कि विकास करना है तो हर बात में अपने देश को आत्मनिर्भर होना चाहिए. शुरुआत अपने घर से करनी होगी. उन्होंने कहा कि स्वदेशी की बात करने का मतलब ये नहीं है कि विदेशों से संबंध नहीं रहेंगे. आत्मनिर्भर होना बाकी लोगों को बंद करना नहीं है. दुनिया परस्पर निर्भरता पर चलती है. कुटुंब भी परस्पर निर्भरता पर चलता है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार तो चलेगा, लेन-देन भी होगा. लेकिन इसमें दबाव नहीं होना चाहिए. स्वेच्छा होनी चाहिए.
संघ प्रमुख ने इसके लिए स्वदेशी पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जो चीज हमारे घर में, देश में बनती है. उसे बाहर से क्यों लाना. कोका कोला-स्प्राइट बाहर का क्यों लाना, जब आप गर्मी के दिनों में नींबू की अच्छी शिकंजी बनाकर पी सकते हो. पिज्जा वगैरा क्यों लाना, जब घर में अच्छा और पोषक भोजन मिलता है. डॉक्टर लोग भी इनके लिए मना करते हैं. हां एकाध बार पिज़्ज़ा खाया जा सकता है. इतना लचीलापन तो रखना चाहिए. लेकिन हर इतवार को बाहर जाकर खाना क्यों खाना? ऐसा नहीं करना है.
भागवत ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि जो चीज गांव में बनती है, उसे गांव से खरीदो. अपने राज्य की है, उसे वहां से खरीदो. बाहर से क्यों खरीदते हो. हम जहां के हैं, वहां का सामान खरीदो क्योंकि उससे कई लोगों का घर चलता है. ऐसे ही जो चीज अपने देश में बनती है, उसे बाहर से लाने की क्या जरूरत है. जो अपने देश में नहीं बनता, उसे बाहर से ले लें. भागवत ने स्पष्ट किया कि स्वदेशी का तत्व यह है कि क्या लेना, कितना लेना, बाहर से इन्वेस्टमेंट लाना या न लाना, ये समय को देखते हुए तय करना चाहिए, लेकिन मूल सिद्धांत आत्मनिर्भरता का ही है.
आरएसएस प्रमुख का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका ने भारत के ऊपर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ थोप दिया है. ये नया टैरिफ रूस से तेल खरीदने के नाम पर बतौर पेनल्टी लगाया गया है. इससे पहले ट्रंप ने 25% टैरिफ लगाया था. इस तरह भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका में कुल टैरिफ 50 पर्सेंट तक पहुंच गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं