नई दिल्ली:
कैश फॉर वोट मामले में तैयार की गई पुलिस की चार्जशीट कहती है कि 22 जुलाई 2008 को संसद में हुए इस शर्मनाक नाटक के एक अहम सूत्रधार अमर सिंह हैं। एनडीटीवी इंडिया के हाथ लगी इस चार्जशीट के मुताबिक संजीव सक्सेना ने अपने फोन नंबर से अमर सिंह की तीन बीजेपी सांसदों से बात कराई। उस रात अमर सिंह से जुड़े तीन और लोगों के फोन का संजीव सक्सेना ने इस्तेमाल किया। अमर सिंह ने पूछताछ में कहा था कि संजीव सक्सेना उनका नहीं शाहिद सिद्दीक़ी का कमर्चारी है। लेकिन शाहिद सिद्दीक़ी ने इस बात से इनकार कर दिया। पुलिस ने अमर और संजीव सक्सेना की नज़दीकियों के और भी सबूत चार्जशीट में पेश किए हैं। संजीव सक्सेना ने जिस जिप्सी से बीजेपी सांसदों तक पैसा पहुंचाया वो भी अमर सिंह के परिवार की एक कंपनी की थी।कैश फॉर वोट मामले की चार्जशीट के मुताबिक बीजेपी के तीन सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते, अशोक अर्गल और महावीर सिंह भगोरा को विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से गैरहाज़िर रहने के लिए तीन−तीन करोड़ रुपये में सौदा तय हुआ था। इस स्टिंग ऑपरेशन के पीछे लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी रहे बीजेपी नेता सुधींद्र कुलकर्णी का दिमाग था। 21 जुलाई 2008 को सुधीन्द्र कुलकर्णी के ही घर बीजेपी के तीन सांसदों और सुहैल हिंदुस्तानी की बैठक हुई। वहीं इन तीनों सांसदों के नाम पर कांग्रेसी या समाजवादी पार्टी के नेताओं को फोन करने की योजना बनी। इस समूची साज़िश को अमली जामा पहनाने की ज़िम्मेदारी सुहैल हिंदुस्तानी और संजीव सक्सेना को सौंपी गई थी। इस पूरी साज़िश के दौरान कुलकर्णी इन लोगों के संपर्क में रहे। यहां तक कि पैसे देते वक्त भी वो मौजूद थे। ये वही पैसा था जिसकी गड्डियां बीजेपी के तीन सांसदों ने संसद में लहराई थीं।
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