Delhi School Reopen: दिल्ली में कोविड-19 (Covid-19) की वजह से बंद किए गए सभी स्कूल अब फिर खुलने जा रहे हैं. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि स्कूल 1 नवंबर से सभी स्कूल खोले जा सकेंगे. स्कूल खुलने पर किसी भी पेरेंट्स को अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. पढ़ाई ब्लेंडेड मोड में होगी, यानी फिजिकल और ऑनलाइन दोनों साथ चलेंगे. 50 फीसदी से ज्यादा बच्चों को एक बार में नहीं बुलाया जा सकेगा. स्कूल ये सुनिश्चित करेगा कि उसके सारे स्टाफ को वैक्सीन लग चुकी है. 98 प्रतिशत को पहली डोज लग चुकी हो. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की इस घोषणा का मतलब यह है कि अब नर्सरी से लेकर आठवीं तक के बच्चे भी स्कूल जा सकेंगे. मार्च 2020 में जैसे ही कोरोना एंट्री हुई थी स्कूल बंद कर दिए गए थे. इसके बाद जनवरी 2021 में 9वींसे 12वीं के बच्चों के लिए कुछ स्कूल खोले गए थे, लेकिन 8वीं तक के बच्चे मार्च 2020 के बाद 1 नवंबर से पहली बार स्कूल जा सकेंगे.
बता दें कि दिल्ली में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 50 फीसदी क्षमता के साथ पहले ही खुले हुए हैं. क्लास रूम की सीटिंग क्षमता के अधिकतम 50 फीसदी तक बच्चे एक बार मे क्लास कर सकते हैं. हर क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए अलग-अलग समय का फॉर्मूला है. मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट के स्कूलों में दोनों शिफ्टों के बीच कम से कम एक घंटे का गैप जरूरी है. बच्चों को अपना खाना, किताबें और अन्य स्टेशनरी का सामान एक-दूसरे से साझा नहीं करने की सलाह दी गई है. लंच ब्रेक को किसी ओपन एरिया में इस अलग-अलग समय पर रखने की सलाह दी गई है ताकि एक समय मे ज़्यादा भीड़ एकत्र न हो. सीटिंग अरेंजमेंट इस तरह से किया जाए कि एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था हो. बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए माता-पिता की मंजूरी ज़रूरी है. कोई अभिभावक यदि अपने बच्चे को स्कूल भेजना नहीं चाहता है तो इसके लिए उसे बाध्य नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है कि दिल्ली में आज छठ पूजा की अनुमति दे दी गई है. मनीष सिसोदिया ने DDMA के साथ बैठक के बाद ये ऐलान किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब सार्वजनिक रूप से छठ मनाई जा सकेगी, लेकिन कोरोना के चलते जरूरी एहतियात और सख्ती बरती जाएगी. बता दें कि छठ पूजा को लेकर दिल्ली में काफी सियासत हुई थी. दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने 30 सितंबर को आदेश जारी कर नदी किनारे व सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा पर रोक लगा दी थी. इसके विरोध में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था, जिसमें वह वाटर कैनन से घायल भी हो गए थे.
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