पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय का मामला दिल्ली में चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने की केंद्र की याचिका को मंजूरी दी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले को कोलकाता से दिल्ली ट्रांसफर करने पर रोक लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. दरअसल, यह मामला चक्रवाती तूफान ‘यास' के बाद मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बंदोपाध्याय के कथित रूप से शामिल नहीं होने पर प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू होने से जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (SG) ने कहा था कि कोर्ट का फैसला आने तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
दरअसल पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के मामले को CAT ने दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. CAT के आदेश को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई थी.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए कैट के आदेश को खारिज करते हुए कहा था कि जब पूरा मामला बंगाल में केंद्रित है तो इस पर सुनवाई दिल्ली क्यों ट्रांसफर की गई है? केंद्र ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
बता दें कि यह पूरा मामला केंद्र के द्वारा पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय से 28 मई को प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में शामिल नहीं होने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछे जाने पर है. जिसमें उनके खिलाफ प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू की गई. इसके बाद पूरी कार्यवाही को जोनल ऑफिस से हटाकर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT ) में ट्रांसफर किया गया था. इस ट्रांसफर को बंदोपाध्याय ने कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
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