प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
विमान यात्रा, टेलीफोन, होटल में खाने से लेकर बैंकिंग तक सभी सेवाएं आगामी 15 नवंबर से महंगी हो जाएंगी। सरकार ने शुक्रवार को सभी कर योग्य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत का उपकर लगाने की घोषणा की है। यह उपकर स्वच्छ भारत कार्यक्रम के वित्तपोषण के लिए लगाया जा रहा है। यह उपकर पहले से लागू 14 प्रतिशत के सेवाकर के अतिरिक्त होगा। इस उपकर से सरकार को चालू वित्त वर्ष की शेष बची अवधि में अतिरिक्त 4,000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सरकार ने 15 नवंबर, 2015 से सभी सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत की दर से स्वच्छ भारत उपकर लगाने का फैसला किया है। यह उपकर उन सेवाओं पर लगेगा जिन पर सेवा कर लगता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के बजट में जरूरत महसूस होने पर सभी या कुछ सेवाओं पर दो प्रतिशत तक का स्वच्छ-भारत उपकर लगाने का प्रस्ताव किया था।
0.5 प्रतिशत उपकर का तात्पर्य है कि प्रत्येक 100 रुपये की कर योग्य सेवाओं पर 50 पैसे अतिरिक्त देने होंगे। बयान में कहा गया है कि स्वच्छ भारत उपकर एक और कर नहीं है, बल्कि यह स्वच्छ भारत में प्रत्येक नागरिक को शामिल करने और योगदान देने का कदम है। इस उपकर से प्राप्त राशि का इस्तेमाल स्वच्छ भारत पहल में किया जाएगा। स्वच्छ-भारत उपकर नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख पहलों में से है। सरकार ने देशभर में स्वच्छता के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है।
अपने बजट भाषण में जेटली ने कहा था कि यह उपकर इसे अधिसूचित किए जाने की तारीख से लागू होगा। इस उपकर से जुटने वाले संसाधनों का इस्तेमाल स्वच्छ भारत पहल के वित्तपोषण और संवर्धन के लिए किया जाएगा। सरकार ने बजट में सेवा कर से 2.09 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। यह 4,000 करोड़ रुपये का उपकर इसके अतिरिक्त होगा।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि 120 करोड़ की आबादी वाले देश में साफ सफाई को लेकर काफी चिंता है। साफ सफाई का जन स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। सरकारी अनुमानों के अनुसार स्वास्थ्य पर सालाना खर्च 6,700 करोड़ रुपये बैठता है। इसमें कहा गया है कि स्वच्छ भारत अभियान के लिए आवंटन बढ़ोतरी से मलेरिया, डेंगू, आंत्रशोथ, पीलिया जैसी कई बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सरकार ने 15 नवंबर, 2015 से सभी सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत की दर से स्वच्छ भारत उपकर लगाने का फैसला किया है। यह उपकर उन सेवाओं पर लगेगा जिन पर सेवा कर लगता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के बजट में जरूरत महसूस होने पर सभी या कुछ सेवाओं पर दो प्रतिशत तक का स्वच्छ-भारत उपकर लगाने का प्रस्ताव किया था।
0.5 प्रतिशत उपकर का तात्पर्य है कि प्रत्येक 100 रुपये की कर योग्य सेवाओं पर 50 पैसे अतिरिक्त देने होंगे। बयान में कहा गया है कि स्वच्छ भारत उपकर एक और कर नहीं है, बल्कि यह स्वच्छ भारत में प्रत्येक नागरिक को शामिल करने और योगदान देने का कदम है। इस उपकर से प्राप्त राशि का इस्तेमाल स्वच्छ भारत पहल में किया जाएगा। स्वच्छ-भारत उपकर नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख पहलों में से है। सरकार ने देशभर में स्वच्छता के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है।
अपने बजट भाषण में जेटली ने कहा था कि यह उपकर इसे अधिसूचित किए जाने की तारीख से लागू होगा। इस उपकर से जुटने वाले संसाधनों का इस्तेमाल स्वच्छ भारत पहल के वित्तपोषण और संवर्धन के लिए किया जाएगा। सरकार ने बजट में सेवा कर से 2.09 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। यह 4,000 करोड़ रुपये का उपकर इसके अतिरिक्त होगा।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि 120 करोड़ की आबादी वाले देश में साफ सफाई को लेकर काफी चिंता है। साफ सफाई का जन स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। सरकारी अनुमानों के अनुसार स्वास्थ्य पर सालाना खर्च 6,700 करोड़ रुपये बैठता है। इसमें कहा गया है कि स्वच्छ भारत अभियान के लिए आवंटन बढ़ोतरी से मलेरिया, डेंगू, आंत्रशोथ, पीलिया जैसी कई बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है।
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