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This Article is From Dec 01, 2021

'ये राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट' : प्रदूषण के बावजूद सेंट्रल विस्‍टा पर निर्माण कार्य को लेकर केंद्र का SC में हलफनामा

केंद्र ने कहा है कि नया संसद भवन और सेंट्रल विस्टा मार्ग राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं हैं. परियोजना में निर्माण और तोड़फोड़ अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और प्रत्येक शर्तों का पालन किया गया है.

'ये राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट' : प्रदूषण के बावजूद सेंट्रल विस्‍टा पर निर्माण कार्य को लेकर केंद्र का SC में हलफनामा
केंद्र ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य जारी रखने का बचाव किया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

दिल्ली- NCR में वायु प्रदूषण मामले में केंद्र ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य जारी रखने का बचाव किया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है जिसमें कहा गया है कि ये राष्ट्रीय महत्व वाला प्रोजेक्ट है और इसके निर्माण कार्य में प्रदूषण  संबंधी सभी उपाय किए गए हैं. केंद्र ने कहा है कि नया संसद भवन और सेंट्रल विस्टा मार्ग राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं हैं. परियोजना में निर्माण और तोड़फोड़ अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और प्रत्येक शर्तों का अनुपालन किया गया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट निर्माण गतिविधियों पर केंद्र से जवाब मांगा था. याचिकाकर्ता के निर्माण कार्य पर रोक की मांग पर यह जवाब मांगा गया था. इसके साथ ही केंद्र से ये भी पूछा था कि कौन से आदेशों पर राज्यों ने पालन नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा और पंजाब से कहा था किआदेशों का पालन किया जाए. मामले में अगली सुनवाई कल होनी है.

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गौरतलब है कि प्रदूषण मामले में जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी तो याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा था कि दिल्ली एनसीआर में कंस्ट्रक्शन पर बैन लगाया गया है लेकिन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पूरी तेजी से काम कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट की नाक के नीचे काम चल रहा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट निर्माण गतिविधियों पर पर केंद्र से जवाब मांगा था. सुनवाई के दौरान मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) ने कहा था कि हालात ऐसे रहे तो हम टास्क फोर्स का गठन करेंगे. उन्‍होंने कहा, 'हम सोच रहे हैं कि हम सभी राज्यों से निर्देशों को लागू करने के लिए कहेंगे. विशेष रूप से धूल नियंत्रण, प्रदूषणकारी उद्योगों की शिफ्टिंग आदि. फिर अगर वे लागू नहीं करते हैं तो हमें एक स्वतंत्र टास्क फोर्स का गठन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. टास्क फोर्स इसकी निगरानी करेगी.'

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