वायुसेना प्रमुख (Air Force Chief) राकेश सिंह भदौरिया ने लद्दाख में चीन से टकराव के दौरान वायुसेना की त्वरित कार्रवाई को सराहा है. उन्होंने देश को भरोसा भी दिया है कि कोरोना के इस दौर में भी वायुसेना किसी भी अप्रत्याशित चुनौती का सामना करने को तैयार है. लद्दाख में चीन से पांच महीने से जारी गतिरोध के बीच भदौरिया ने 88वें वायुसेना दिवस (Air Force Day) पर अपने संबोधन में यह बात कही.
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उन्होंने हिंडन एयरबेस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में आपात जरूरत के तहत जिस तत्परता से तुरंत तैनाती बढ़ाने की जरूरतों को पूरा, उसके लिए वायुसेना के योद्धा प्रशंसा के पात्र हैं. भारत ने लद्दाख में चीन की आक्रामक गतिविधियों के बीच सुखोई और मिग विमानों की तैनाती बढ़ाई है. चिनूक और अपाचे जैसी भारीभरकम हेलीकॉप्टरों के जरिये साजोसामान भी वहां पहुंचाया गया. आज के माहौल में हर तरह के युद्ध क्षेत्र में लड़ाई के लिए मजबूत और आधुनिक वायुसेना निर्णायक भूमिका अदा
निगरानी के लिए ड्रोन जैसे विकल्पों पर ध्यान देना होगा
वायुसेना प्रमुख ने चीन और पाकिस्तान से लगी लंबी सीमाओं की निगरानी के लिए तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें ड्रोन जैसे कम लागत वाले विकल्पों पर ध्यान देने की जरूरत है. आने वाले वक्त में अंतरिक्ष के क्षेत्र में फोकस बढ़ाने की आवश्यकता है.
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