भारत में UK कोविड स्ट्रेन (UK Covid Strain) के कम से कम 20 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इसके मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने बुधवार को कहा कि यह संभावना है कि नया कोविड स्ट्रेन नवंबर में ही देश में आ गया होगा क्योंकि ब्रिटेन में सितंबर में ही म्यूटेंट डेवलप हो चुका था और वहां संक्रमण फैल चुका था और संभव है कि वहां से आए लोग पहले ही वहां संक्रमित हो चुके होंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या दिसंबर में देश में आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट किए जाने वाले पहले कोविड-19 म्यूटेशन के केस, जो 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है, पहले ही यह भारत में मौजूद था तो डॉ. गुलेरिया ने बताया: "यह एक संभावना है और ऐसा हो सकता है क्योंकि हमें यह याद रखना चाहिए कि सितंबर के अंत में पहली बार यूके स्ट्रेन की सूचना मिली थी और कई ऐसे लोग थे जो ब्रिटेन में उस वक्त ही इससे संक्रमित थे."
उन्होंने कहा, "यह कहना मुश्किल है और यह डेटा पर ही निर्भर करेगा." डॉ. गुलेरिया ने कहा, "हमारे देश में SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया (INSACOG) द्वारा अध्ययन किए जा रहे हैं, जो नवंबर से ही नमूनों को देख रहे है."
एम्स निदेशक ने कहा कि संख्या ज्यादा नहीं है लेकिन उस दौरान देश से कई लोग ब्रिटेन गए और आए हैं. उन्होंने कहा कि यूके कोविड स्ट्रेन को अधिक संक्रामक देखा गया है. यह बड़ी चिंता की बात है. डॉ. गुलेरिया ने उम्मीद जताई है कि भारत में जल्द ही कुछ दिनों में कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध होगी.
भारत में बढ़ रहा कोरोना का नया रूप, ब्रिटेन के COVID-19 स्ट्रेन के कुल मामले हुए 20
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