विज्ञापन
This Article is From Jun 23, 2017

अमेरिकियों के खून से रंगे हैं पाकिस्तान के हाथ : पीएम मोदी की यात्रा से पहले अमेरिकी संसद में बिल पेश

द्विदलीय बिल में पाक पर बरसते हुए उसका MNNA दर्जा रद्द करने की मांग की गई है, और इसके अनुसार, चूंकि पाकिस्तान आतंकियों को शरण देता है, इसलिए अमेरिका को उसे हथियार नहीं देने चाहिए.

अमेरिकियों के खून से रंगे हैं पाकिस्तान के हाथ : पीएम मोदी की यात्रा से पहले अमेरिकी संसद में बिल पेश
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले अमेरिकी संसद में पेश बिल में कहा गया है पाकिस्तान आतंकवादियों को शरण देता है...
वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को शुरू होने जा रही अमेरिका यात्रा से पहले दो वरिष्ठ अमेरिकी सांसदों ने द्विदलीय बिल पेश किया है, जिसमें पाकिस्तान के साथ अमेरिकी संबंधों में कटौती की मांग की गई है. रिपब्लिकन टेड पो तथा डेमोक्रेट रिक नोलन ने शुक्रवार को बिल पेश किया, जिसमें पाकिस्तान का 'मेजर नॉन-नाटो ऐली' (अहम गैर-नाटो सहयोगी या एमएनएनए) दर्जा रद्द करने की मांग की गई है, क्योंकि पाकिस्तान 'आतंकवादियों को शरण' देता है, और 'आतंकवाद से लड़ने, उसे खत्म करने के लिए दी गई रकम के प्रति कतई जवाबदेही नहीं दर्शाता...'

यह बिल ऐसे वक्त में पेश किया गया है, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहली बार मिलने जा रहे हैं, और उनके बीच होने वाली मुलाकात में आतंकवाद तथा दक्षिण एशिया में रिश्तों के बारे में प्रमुखता से बात होने की संभावना है.

टेड पो ने अमेरिकी संसद में पाकिस्तान के खिलाफ बेहद कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, "पाकिस्तान को उसके हाथों पर लगे अमेरिकी खून के लिए जवाबदेह बनाना ही होगा... ओसामा बिन लादेन को शरण देने से लेकर तालिबान का साथ देने तक पाकिस्तान ज़िद्दी और अड़ियल तरीके से उन आतंकवादियों के खिलाफ सार्थक कार्रवाई करने से इंकार करता रहा है, जो हर विरोधी विचारधारा को नुकसान पहुंचाने पर अड़े हैं... हमें साफ तौर पर पाकिस्तान से दूरी बना लेनी चाहिए, लेकिन कम से कम हमारे अत्याधुनिक हथियारों तक उसकी पहुंच से तो वंचित कर ही देना चाहिए..."

पाकिस्तान को वर्ष 2004 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अपने कार्यकाल में एमएनएनए दर्जा दिया था, ताकि वह अल-कायदा और तालिबान से लड़ने में अमेरिका की मदद कर सके. किसी भी एमएनएनए देश को रक्षा सामग्री की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर की जाती है, हथियार खरीद प्रक्रिया तेज़ गति से चलती है, तथा अमेरिका से लोन गारंटी प्रोग्राम दिया जाता है, जिसके तहत प्राइवेट बैंकों की ओर से हथियार निर्यात के लिए दिए जाने वाले कर्ज़ों की ज़िम्मेदारी ली जाती है. एमएनएनए देश अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर जमा कर सकते हैं, रक्षा अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों में शिरकत कर सकते हैं, और उन्हें शेष देशों की तुलना में अत्याधुनिक हथियार बेचे जा सकते हैं.

रिक नोलन ने कहा, "पाकिस्तान ने बार-बार अमेरिका की साख का फायदा उठाया है, और बार-बार दिखाया है कि वे न अमेरिका के दोस्त हैं, न सहयोगी... सच्चाई यह है कि पिछले 15 साल में हमने जो अरबों डॉलर पाकिस्तान भेजे हैं, उनसे आतंकवाद के खिलाफ कुछ भी प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, ताकि हम सुरक्षित हो सकते... अब इस सच्चाई को समझना होगा कि पाकिस्तान के ताल्लुकात उन्हीं आतंकवादी संगठनों से हैं, जिनसे लड़ने का वह दावा करता रहा है..."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com