विजयवाड़ा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अमरावती में आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के शिलान्यास के लिए पहुंचने वाले हैं। पीएम के दौरे में अब 24 घंटे से भी कम का समय शेष रह गया है। ठीक ऐसे वक्त में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पीएम को आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का उनका वादा याद दिलाया है।
विशेष राज्य के तहत राज्य को केंद्र सरकार की ओर से खास तरह की सुविधाएं और लाभ दिए जाते हैं। केंद्र सरकार ने इसके लिए आंध्र प्रदेश से वादा भी किया था, क्योंकि राज्य से एक हिस्से को अलग करके पिछले साल तेलंगाना राज्य बना दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी ने मांग की है कि पीएम अपने आंध्र प्रदेश दौरे के दौरान विशेष राज्य के दर्जे की घोषणा करें।
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि आंध्र प्रदेश रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट के तहत वादों को पूरा करें। मैं प्रधानमंत्री से पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करता हूं। विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि हम केंद्र के साथ इसके लिए लड़ें। हम अभी सिर्फ 16 महीने पुराने राज्य हैं, जिसकी अपनी कई समस्याएं हैं। हम केंद्र को इसके लिए सहमत कराकर मैत्रीपूर्ण ढंग से आगे बढ़ना चाहते हैं।'
उन्होंने, राहुल गांधी द्वारा पीएम को लिखी गई चिट्ठी को कांग्रेस की राजनीति करार देते हुए कहा कि आज आंध्र प्रदेश की जो भी स्थिति है उसके लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश के साथ गंभीर अन्याय किया है और इसीलिए आज वो राज्य में कहीं भी नहीं है।'
तेलगु देशम पार्टी नेता बीजेपी के सहयोगी हैं और उन्होंने गुरुवार को राज्य की नई राजधानी के शिलान्यास के लिए बड़े आयोजन की तैयारी की है। बता दें कि फिलहाल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की राजधानी हैदराबाद ही है। लेकिन विपक्ष में बैठे कई लोग शिलान्यास के कार्यक्रम में खर्चे पर उंगली उठा रहे हैं। विपक्षी नेता जगनमोहन रेड्डी का कहना है कि एक दिन में ही 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संकरी सड़कों को रिपेयर करने और छोटा सा डायस बनाने में कोई बड़ा खर्चा नहीं होता। अगर प्रधानमंत्री आ रहे हों, कई और दिग्गज हस्तियां पहुंच रही हों तो कुछ खर्चा तो करना ही पड़ता है। यह पब्लिसिटी और मार्केटिंग के लिए भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'वे विपक्ष में बैठे हैं और इसलिए चिंतित हैं कि अगर हमने विश्वस्तरीय राजधानी बना दी तो वे कभी चुनाव नहीं जीत पाएंगे। राजधानी कहां बसाई जाए से लेकर शहर बनाने तक कई राजनीतिक पार्टियों और समाजिक कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। लेकिन यहां के किसानों ने मेरा साथ दिया।'
उन्होंने कहा, 'राज्य के पास अब राजधानी बनाने के लिए 50,000 एकड़ जमीन है, जिसमें से 35,000 एकड़ किसानों ने दी है। जमीन की कीमत में बढ़ोतरी होने से उन्हें फायदा होगा और वे आर्थिक विकास में भी भागीदार रहेंगे।'
विशेष राज्य के तहत राज्य को केंद्र सरकार की ओर से खास तरह की सुविधाएं और लाभ दिए जाते हैं। केंद्र सरकार ने इसके लिए आंध्र प्रदेश से वादा भी किया था, क्योंकि राज्य से एक हिस्से को अलग करके पिछले साल तेलंगाना राज्य बना दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी ने मांग की है कि पीएम अपने आंध्र प्रदेश दौरे के दौरान विशेष राज्य के दर्जे की घोषणा करें।
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि आंध्र प्रदेश रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट के तहत वादों को पूरा करें। मैं प्रधानमंत्री से पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करता हूं। विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि हम केंद्र के साथ इसके लिए लड़ें। हम अभी सिर्फ 16 महीने पुराने राज्य हैं, जिसकी अपनी कई समस्याएं हैं। हम केंद्र को इसके लिए सहमत कराकर मैत्रीपूर्ण ढंग से आगे बढ़ना चाहते हैं।'
उन्होंने, राहुल गांधी द्वारा पीएम को लिखी गई चिट्ठी को कांग्रेस की राजनीति करार देते हुए कहा कि आज आंध्र प्रदेश की जो भी स्थिति है उसके लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश के साथ गंभीर अन्याय किया है और इसीलिए आज वो राज्य में कहीं भी नहीं है।'
तेलगु देशम पार्टी नेता बीजेपी के सहयोगी हैं और उन्होंने गुरुवार को राज्य की नई राजधानी के शिलान्यास के लिए बड़े आयोजन की तैयारी की है। बता दें कि फिलहाल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की राजधानी हैदराबाद ही है। लेकिन विपक्ष में बैठे कई लोग शिलान्यास के कार्यक्रम में खर्चे पर उंगली उठा रहे हैं। विपक्षी नेता जगनमोहन रेड्डी का कहना है कि एक दिन में ही 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संकरी सड़कों को रिपेयर करने और छोटा सा डायस बनाने में कोई बड़ा खर्चा नहीं होता। अगर प्रधानमंत्री आ रहे हों, कई और दिग्गज हस्तियां पहुंच रही हों तो कुछ खर्चा तो करना ही पड़ता है। यह पब्लिसिटी और मार्केटिंग के लिए भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'वे विपक्ष में बैठे हैं और इसलिए चिंतित हैं कि अगर हमने विश्वस्तरीय राजधानी बना दी तो वे कभी चुनाव नहीं जीत पाएंगे। राजधानी कहां बसाई जाए से लेकर शहर बनाने तक कई राजनीतिक पार्टियों और समाजिक कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। लेकिन यहां के किसानों ने मेरा साथ दिया।'
उन्होंने कहा, 'राज्य के पास अब राजधानी बनाने के लिए 50,000 एकड़ जमीन है, जिसमें से 35,000 एकड़ किसानों ने दी है। जमीन की कीमत में बढ़ोतरी होने से उन्हें फायदा होगा और वे आर्थिक विकास में भी भागीदार रहेंगे।'
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