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This Article is From Dec 29, 2019

BSP विधायक के निलंबन के बाद बिगड़ सकता है मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गणित ! जानें क्या है इसकी वजह...

मौजूदा समय में कांग्रेस के पास बसपा और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कुल विधायकों की संख्या 121 है. जिसमें कांग्रेस के 114, समाजवादी पार्टी का एक, बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक और निर्दलीय चार विधायक शामिल हैं.

BSP विधायक के निलंबन के बाद बिगड़ सकता है मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गणित ! जानें क्या है इसकी वजह...
मध्य प्रदेश में बिगड़ सकता है कमलनाथ सरकार का गणित!
नई दिल्ली:

बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती द्वारा मध्य प्रदेश में पार्टी विधायक के निलंबन की खबर ने कांग्रेस की भी परेशानी कुछ हद तक बढ़ा दी है. दरअसल, राज्य में 230 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 116 का है. मौजूदा समय में कांग्रेस के पास बसपा और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कुल विधायकों की संख्या 121 है. जिसमें कांग्रेस के 114, समाजवादी पार्टी का एक, बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक और निर्दलीय चार विधायक शामिल हैं. बसपा प्रमुख द्वारा पार्टी विधायक रामबाई को निलंबित करने के बाद अब यह आंकड़ा 120 हो गया है. वहीं, राज्य में बीजेपी के पास 108 विधायक हैं. ऐसे में अगर बीजेपी कुछ अन्य विधायकों का समर्थन लेने में सफल हो जाती है तो यह राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. 

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खास बात यह है कि मध्य प्रदेश के पथेरिया से बहुजन समाज पार्टी (BSP) की विधायक रमाबाई परिहार (Ramabai Parihar) ने पार्टी लाइन से अलग जाते हुए इस कानून का समर्थन किया था. रमाबाई की पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है. BSP सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है.

मायावती ने कुछ देर पहले ट्वीट किया, 'BSP अनुशासित पार्टी है व इसे तोड़ने पर पार्टी के MP/MLA आदि के विरूद्ध भी तुरन्त कार्रवाई की जाती है. इसी क्रम में MP में पथेरिया से BSP MLA रमाबाई परिहार द्वारा CAA का समर्थन करने पर उनको पार्टी से निलम्बित कर दिया है. उनपर पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी रोक लगा दी गई है.'

BSP सुप्रीमो ने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'जबकि BSP ने सबसे पहले इसे (नागरिकता कानून) विभाजनकारी व असंवैधानिक बताकर इसका तीव्र विरोध किया. संसद में भी इसके विरूद्ध वोट दिया तथा इसकी वापसी को भी लेकर माननीय राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया. फिर भी विधायक परिहार ने CAA का समर्थन किया. पहले भी उन्हें कई बार पार्टी लाइन पर चलने की चेतावनी दी गई थी.'

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