जम्मू कश्मीर में बिगड़े हालात के चलते वहां से मजदूरों के पलायन का सिलसिला शुरू हो गया है. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि क्या वाकई मजदूर जम्मू कश्मीर से डर की वजह से पलायन कर रहे हैं? एनडीटीवी ने जम्मू से पुणे जाने वाली ट्रेन में वहां से लौट रहे कुछ लोगों से बातचीत की. एक परिवार ने कहा कि कुछ महीने पहले गए थे. सही सलामत हैं. निकल कर घर जा रहे हैं. जानने वाले भी निकल रहे हैं. दूसरे ने कहा कि 22 दिन पहले गए थे. हालात खराब हुए तो निकल आए. जहां रहते थे वहां से भी मजदूर तबके के लोग निकल रहे हैं. कल हमारे भाई भी निकलेंगे वहां से.
बता दें, जम्मू-कश्मीर में आतंकी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. उनका मुख्य निशाना जम्मू से बाहर के रहने वाले लोग बन रहे हैं. अभी तक 11 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इनमें कोई गोलगप्पे बेचने वाला है, कोई कारपेंट का काम करता है तो कोई मजदूर करने वाला है. जिसके बाद से घाटी में भय का माहौल है. घाटी में काम कर रहे मजदूर डर के मारे वहां से निकलकर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं.
शनिवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और पुलवामा जिले में शनिवार को अलग-अलग घटनाओं में आतंकवादियों ने दो गैर स्थानीय लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मूल रूप से बिहार के बांका जिले के रहने वाले अरविंद कुमार साह को आतंकवादियों ने शनिवार शाम को श्रीनगर में ईदगाह के पास पार्क के बाहर गोली मारी. उन्होंने बताया कि साह की मौके पर ही मौत हो गई. साह श्रीनगर में गोलगप्पा बेचते थे और उनका सपना बिहार में मौजूद परिवार को गरीबी से निकालना था जो उनकी मौत के साथ टूट गया है.
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