पांच दौर की बेनतीजा वार्ता के बाद मंत्रियों ने छठे चरण में किसानों के साथ लंगर का भोजन किया

कृषि कानूनों पर केंद्र व किसानों के बीच पहले जितने दौर की वार्ता (Farmers Talks Government) हुई हैं, उनमें किसानों ने सरकार के लंच को स्वीकार नहीं किया है. किसान अपने साथ लाया गया या लंगर में तैयार भोजन ही करते हैं.

नई दिल्ली:

कृषि कानूनों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच छठवें दौर की वार्ता के नतीजे भले ही कुछ रहें, लेकिन कुछ नई पहल बुधवार को विज्ञान भवन में बातचीत के दौरान देखी गई. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर को किसानों के साथ उनके लंगर में भोजन करते देखा गया. कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 35 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री और किसानों के बीच विज्ञान भवन में दो बजे शुरू हुई छठवें दौर की वार्ता के पहले दौर के बाद लंच हुआ. इसे निर्णायक बैठक माना जा रहा है. इस दौरान खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंर तोमर किसानों द्वारा बाहर से लाए गए भोजन करते नजर आए. अभी तक किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच जितने दौर की बातचीत हुई है, उनमें किसानों ने सरकार के लंच को ठुकरा दिया. दोनों पक्षों को हर बार अलग-अलग भोजन करते देखा गया. इनमें किसान अपने लंगर में भोजन के साथ जमीन पर बैठकर अपनी भूख मिटाते नजर आए. एक किसान नेता ने कहा, हम सरकार द्वारा भोजन और चाय की पेशकश को लगातार ठुकराते रहे हैं. कई बार किसानों ने भी सरकार के मंत्रियों को भोजन की पेशकश की तो मंत्रियों ने विनम्रता के साथ मना कर दिया था.

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सरकार को उम्मीद है कि इस दौर की वार्ता से कोई हल निकल आएगा और नवंबर के अंत में दिल्ली की सीमाओं पर शुरू हुआ किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा. बैठक के पहले सरकार के वार्ताकार समूह में शामिल केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि यह बेहद निर्णायक बैठक होगी, सरकार चाहती है किसान नए साल का जश्न अपने घरों में मनाएं.