संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल (Question Hour) को रद्द किए जाने को लेकर विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस के सांसद शशि थरूर के बाद अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि प्रश्नकाल और शून्यकाल दोनों होने चाहिए. इस संबंध में कुछ जरूरी इंतजाम किए जाने चाहिए. बता दें कि कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के मद्देजर प्रश्नकाल संसद की कार्यवाही में जगह नहीं दी गई है. सरकार की ओर से प्रश्नकाल नहीं होने की वजह भी बताई गई है.
सरकार की तरफ से सदन की कार्यवाही से प्रश्नकाल को हटाए जाने की जो वजह बताई गई है, उसके अनुसार, प्रश्नकाल के लिए बड़ी संख्या में अधिकारी मंत्रियों को सवालों से जुड़ी जानकारियां देने के लिए आते हैं. कोरोना संकट के दौरान लोगों की आवाजाही को कम करने के लिए इस कदम को उठाया गया है.
हालांकि, प्रश्नकाल को हटाए जाने के कदम को लेकर कई दलों के सांसदों ने आपत्ति जताई है. प्रश्नकाल को संसदीय कार्यवाही में खासा अहम माना जाता है.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सांसदों को प्रश्नकाल के लिए संसद को 15 दिन पहले प्रश्न जमा करना जरूरी होता है. सत्र 14 सितंबर से शुरू है. इसलिए प्रश्नकाल रद्द किया गया? विपक्षी दलों के सांसदों ने सरकार से सवाल पूछने का अधिकार खो दिया. शायद 1950 से पहली बार? संसद के कामकाज के बाकी घंटे पहले की तरह ही हैं तो प्रश्नकाल क्यों रद्द किया गया? महामारी के बहाने लोकतंत्र की हत्या."
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