आगामी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को शनिवार को उस समय झटका लगा, जब एक विशेष अदालत ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला मामले के आरोपियों की सूची से उनका नाम हटाने से जुड़ी सीबीआई की याचिका खारिज कर दी।
सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस जी दिघे ने याचिका खारिज करते हुए कहा, 'सीबीआई की याचिका खारिज की जाती है।' न्यायाधीश ने कहा कि राज्यपाल के शंकरनारायणन ने चव्हाण के खिलाफ मामला चलाने की इजाजत भले ही नहीं दी है, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला चलाया जा सकता हैं, क्योंकि वह आपराधिक कदाचार के आरोपी रहे हैं।
न्यायाधीश इस संबंध में विस्तृत आदेश बाद में पारित करेंगे।
बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक भरत बदामी ने कहा कि सीबीआई को पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला चलाने में 'बहुत खुशी' होगी लेकिन 'हमारे हाथ बंधे हुए हैं।' उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा मंजूरी देने से इनकार किए जाने के खिलाफ अपील का कानून में कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन एजेंसी के पास चव्हाण के खिलाफ अतिरिक्त सबूत हो तो वह उनसे उनके निर्णय की समीक्षा करने का अनुरोध कर सकती है, लेकिन मामला ऐसा नहीं है।
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