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This Article is From Apr 27, 2011

'आदर्श' में देशमुख, शिंदे के खिलाफ जांच के निर्देश

यह निर्देश देने से पहले अदालत ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है और उसकी पहुंच सब लोगों तक होनी चाहिए। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया कि वह अगले हफ्ते तक प्रगति रिपोर्ट सौंपे।
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मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने आदर्श सोसाइटी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को बुधवार को निर्देश दिया कि वह इस मामले में केंद्रीय मंत्रियों, विलासराव देशमुख और सुशील कुमार शिंदे की संलिप्तता के आरोपों की जांच करे। यह निर्देश देने से पहले अदालत ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है और उसकी पहुंच सब लोगों तक होनी चाहिए। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया कि वह अगले हफ्ते तक प्रगति रिपोर्ट सौंपे। यह निर्देश न्यायमूर्ति रंजना देसाई और न्यायमूर्ति आर जी केतकर की पीठ ने घोटाले से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। इन याचिकाओं में एक याचिका आदर्श सोसाइटी की भी है जिसने इमारत को ध्वस्त करने के आदेश को चुनौती दी है। साथ ही एक याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सिमप्रीत सिंह की है जिन्होंने मांग की है कि अदालत जांच की निगरानी करे। सिंह की याचिका में कहा गया है कि सीबीआई ने कुछ चुनिंदा लोगों के खिलाफ ही मामला दर्ज किया है लेकिन मुख्य भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री देशमुख और शिंदे का नाम प्राथमिकी में शामिल नहीं है। न्यायमूर्ति रंजना देसाई ने कहा, सीबीआई को हर संबंधित व्यक्ति की भूमिका की जांच करनी चाहिए भले ही वह कोई भी हो और किसी भी पद पर आसीन हो। कानून सभी के लिए बराबर है और उसकी पहुंच सब लोगों तक होनी चाहिए। सीबीआई को अगले हफ्ते प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने से पहले इन आरोपों की भी जांच करनी चाहिए। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री देशमुख और केंद्रीय बिजली मंत्री शिंदे उस वक्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे जब कोलाबा में बहुमंजिला आदर्श सोसाइटी के निर्माण से संबंधित फाइल पर कार्रवाई की गई थी। सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल डेरियस खंबाटा ने अदालत से कहा कि एजेंसी ने सिमप्रीत सिंह से देशमुख और शिंदे से संबंधित सभी दस्तावेज पहले ही ले लिए हैं। खंबाटा ने कहा, हम इसका पता लगा रहे हैं। एजेंसी युद्धस्तर पर जांच कर रही है। अदालत को अगले बुधवार को प्रगति रिपोर्ट सौंपी जाएगी। आदर्श सोसाइटी ने कथित तौर पर अन्य प्रक्रियाओं के साथ-साथ तटीय नियमन क्षेत्र मानदंडों का भी उल्लंघन किया। पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर ने बुधवार को एक हलफनामा दायर कर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी आदर्श सोसाइटी घोटाले में शामिल हैं। तिरोडकर ने भी एक याचिका दायर की है। हलफनामे के अनुसार आदर्श सोसाइटी के पुणे निवासी दो सदस्यों ने सत्यापन फॉर्म में वही पता दिया है, जो राकांपा नेता अजित पवार की पत्नी ने पुणे में एक दीवानी अदालत के समक्ष साल 2009 में दिए गए आवेदन में दिया था। हलफनामे में दावा किया गया है, अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा ने संपत्ति विवाद से जुड़े के एक मामले में दीवानी अदालत के समक्ष दाखिल आवेदन में अपना पता जिजाई, यशवंत घाटगेनगर सोसाइटी, यूनिवर्सिटी रोड, पुणे दिया था। वही पता आदर्श सोसाइटी के दो सदस्यों जयश्री भोंसले और निवृत्ति गणपति भोंसले ने भी शपथपत्र में दिया है। अदालत ने सीबीआई से इस पहलू की भी जांच करने को कहा। अदालत ने इमारत को ध्वस्त करने के पर्यावरण मंत्रालय के आदेश के खिलाफ आज वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलें सुननी शुरू की। अदालत कल भी मामले की सुनवाई जारी रखेगी।

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